Rajasthan Politics: पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत के निर्देश पर अब विभाग महाराष्ट्र के कानून का अध्ययन कर रहा है. देश में सबसे पहले महाराष्ट्र में गाय को राज्य माता का दर्जा दिया गया है. महाराष्ट्र के प्रावधानों की स्टडी के बाद राजस्थान सरकार इस तरफ कदम उठाएगी. जोराराम कुमावत ने कहा कि गाय हमारे लिए सियासत नहीं आस्था का विषय है.
गाय से बने उत्पाद के लिए प्रचार-प्रसार की जरूरत
उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार के प्रयासों के बावजूद गोवंश के संरक्षण की दिशा में और अधिक सजगता की दरकार है. गाय से बने उत्पादों के प्रचार प्रसार की जरूरत है. गोवंश तस्करी को रोकने के लिए कानून को मजबूत बनाने की जरूरत है, इसलिए हम महाराष्ट्र की पहल का अनुसरण करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की कोशिश है कि राइजिंग राजस्थान के जरिए भी गाय से बने उत्पादों के प्रचार प्रसार और उसे रोजगार से जोड़ने के लिए विशेष व्यवस्था की जाए.
महाराष्ट्र के अधिकारी से कानून की जानकारी ली जा रही है
राजस्थान में गाय को राज्यमाता का दर्जा देने के लिए महाराष्ट्र के अधिकारी से कानून की जानकारी ली जा रही है. महाराष्ट्र सरकार ने सितंबर में गोमाता को राज्यमाता का दर्जा देने का फैसला लिया था. राजस्थान गोतस्करी के लिए बदनाम है. गाय को राज्यमाता का दर्ज मिला तो महाराष्ट्र के बाद दूसरा राज्य ऐसा होगा. इसे लागू होते ही गो-तस्करों पर सख्त कानूनी प्रावधान हो जाएगा.
महराष्ट्र में गाय को राज्यमाता का दर्जा
16 अक्टूबर को ग्रामीण विकास और पंचायतीराज राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने सीएम को पत्र लिखा था, जिसमें गाय को राज्यमाता का दर्जा दिए जाने की मांग की. पशुपालन एवं गो-पालन मंत्री जोराराम कुमावत ने मीडिया को बताया कि ऊंट को राज्य पशु घोषित किए जाने पर उसकी तस्करी और बलि पर रोक लग गई. गाय को गोमाता का दर्जा मिलने पर तस्करी रुक जाएगी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में गोमाता को राज्यमाता का दर्जा दिया है. वहां की सरकार से चर्चा कर रहे हैं. गाय को गोमाता का दर्जा देने के लिए क्या बिल लाना पड़ेगा या फिर नियमों में ही बदलाव करना पड़ेगा, इसके लिए क्या प्रावधान किए गए हैं. जल्द ही सरकार इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ेगी.
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