माइनॉरिटी बीजेपी को न के बराबर वोट करती है... टिकट देते हैं तो जीत नहीं पाते- अविनाश गहलोत

अविनाश गहलोत ने कहा कि हम लोग मुसलमान को टिकट देना भी चाहते हैं, लेकिन भाजपा प्रत्याशी के रूप में वह जीत नहीं पाते. गहलोत ने कहा कि बीजेपी के मुस्लिम प्रत्याशी को भी आमतौर पर कम वोट मिलते हैं.

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Rajathan Politics: हाल ही में बीजेपी ने राजस्थान में प्रदेश कार्यकारिणी में 34 नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी है. लेकिन बीजेपी की प्रदेश टीम में इस बार एक भी मुस्लिम चेहरा शामिल नहीं किया गया है. अल्पसंख्यक वर्ग की बात करें तो पूर्व मंत्री सरदार सुरेंद्र पाल सिंह टीटी का नाम शामिल है. ऐसे में सवाल यह भी है कि, क्या मुस्लिम चेहरा शामिल नहीं करना बीजेपी की रणनीति है? सवाल यह भी कि क्या पंचायती राज और स्थानीय निकाय चुनाव से पहले पार्टी ने इसके जरिए कोई बड़ा मैसेज दे दिया है? इस सवाल पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने बड़ी बात कह दी. 

अविनाश गहलोत ने कहा कि सच्चाई यह है कि अल्पसंख्यक बीजेपी को ना के बराबर वोट करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर सोशल इंजीनियरिंग के हिसाब से बात करें, तो बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा देश भर में अल्पसंख्यकों के बीच काम करता है. इसमें मुस्लिम समाज के साथ ही अल्पसंख्यक वर्ग के अलग-अलग लोगों को जिम्मेदारी नीचे मंडल स्तर तक मिलती है.

मुसलमान को टिकट देते हैं लेकिन जीत नहीं पाते 

अविनाश गहलोत ने कहा कि हम लोग मुसलमान को टिकट देना भी चाहते हैं, लेकिन भाजपा प्रत्याशी के रूप में वह जीत नहीं पाते. गहलोत ने कहा कि बीजेपी के मुस्लिम प्रत्याशी को भी आमतौर पर कम वोट मिलते हैं. अपने समाज के वोट भी उनको बहुत कम संख्या में मिलते हैं. इसके साथ ही सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि हालांकि आजकल स्थितियां बदल गई है. उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि अल्पसंख्यक और मुसलमान हमारे साथ जुड़ें, वह हम पर भरोसा करें. हम उनके कल्याण के लिए काम करें, जैसा पीएम नरेंद्र मोदी पिछले 11 साल से काम कर रहे हैं. 

राजनीतिक रिटर्न वोट के रूप में मुस्लिम बीजेपी से नहीं जुड़ते

अविनाश गहलोत ने कहा कि पिछले 11 साल में जो सरकार की प्रमुख योजनाएं आई हैं, उनका मुसलमानों को अच्छा फायदा मिला है. अविनाश गहलोत ने कहा कि इन योजनाओं का अधिकतम फायदा मुस्लिम समाज को मिला है और यही वसुधैव कुटुंबकम की भावना है. सबका साथ सबका विकास की बात हम करते हैं, लेकिन बदले में जब राजनीतिक रिटर्न वोट के रूप में लेने की बात आती है, तो मुस्लिम समाज बीजेपी से नहीं जुड़ता है. 

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अविनाश गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि जो जिताऊ हो, टिकाऊ हो, जिसकी पार्टी में, जन विश्वास में जुड़ाव की भावना हो, हम उसको टिकट देते हैं, लेकिन कई बार बीजेपी के सिंबल पर वह जीतते नहीं हैं.

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