Rajasthan: आबकारी विभाग में 8.52 करोड़ की हेराफेरी, LDC कर्मचारी ही निकला मास्टर माइंड

आबकारी विभाग के सरकारी बाबू ने शराब ठेकेदारों के साथ मिलकर राजस्थान सरकार को साढ़े आठ करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगा डाली.

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Excise Department: राजस्थान के चूरू जिले में आबकारी विभाग में करोड़ों के हेरफेर करने का मामला सामने आया है. आश्चर्य की बात यह है कि इस हेराफेरी में आबकारी विभाग का सरकारी बाबू ही मास्टर माइंड था. आबकारी विभाग के इस बाबू ने शराब ठेकेदारों के साथ मिलकर राजस्थान सरकार को साढ़े आठ करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगा डाली. इस मामले में साइबर थाना पुलिस ने आबकारी विभाग ने 8.54 करोड़ का साइबर फ्रॉड पकड़कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है.

मामले का खुलासा हुआ तो महकमे में हड़कंप मच गया. इस शातिर बाबू ने आबकारी सॉफ्टवेयर के एडजस्टमेंट हैड में छेड़छाड़ कर यह फ्रॉड किया है. इस संबंध में केस दर्ज होने के बाद इस बाबू और तीन ठेकेदारों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

शराब ठेकेदार के साथ मिलकर किया करोड़ों का गबन

साइबर थाना पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उसमें आबकारी विभाग का LDC कर्मचारी अजय कुमार ही पूरे मामले का सूत्रधार है. जिसने कुछ ठेकेदारों के साथ उनके पार्टनर को लालज देकर मिलीभगत कर करोड़ों के गबन के मामले को अंजाम दिया है.

आबकारी शुल्क को ही हड़प गया

LDC कर्मचारी अजय कुमार ने 29 ठेकेदारों की ओर से जमा होने वाले आबकारी शुल्क, बेसिक लाइसेंस फीस एवं परमिट फीस की राशि के बिना चालान जमा करवाए ही क्रेडिट कर दिया. इसके बाद राशि को अन्य के सहयोग से खुद हड़प लिया. इसकी भनक लगते ही जिला आबकारी अधिकारी ने अलग-अलग थानों में मामले दर्ज कराए तथा आबकारी आयुक्त को पूरे मामले की जानकारी दी. बाद में अलग-अलग थानों में दर्ज मामलों को एसपी जय यादव के निर्देश पर साइबर थाने में शिफ्ट कर मामले की जांच कराई गई.

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करीब 4 करोड़ आईपी ऐड्रेस खंगाले गए

साइबर थानाधिकारी सुभाष कुमार ने बताया कि 1 अक्टूबर 2024 को आबकारी निरीक्षक विद्याधर ने साहवा थाने में इस सिलसिले में मुकदमा दर्ज करवाया था. मामला ऑनलाइन फ्रॉड का होने की वजह से इसकी जांच चूरू के साइबर थाना को दी गई थी. साइबर थाना पुलिस ने आबकारी कार्यालय से रिकॉर्ड लिया और डिजिटल एविडेंस कलेक्ट किए और करीब 4 करोड़ आईपी ऐड्रेस खंगाले गए. इसके बाद आबकारी विभाग के एलडीसी राजगढ़ के गांव खेमाना निवासी अजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके साथ ही सिद्धमुख के बिरमी निवासी राजकुमार, हमीरवास के विकास यादव और रतनगढ़ के नोसरिया के नरेंद्र को गिरफ्तार किया गया है. बताया जाता है कि आरोपी बाबू अजय कुमार साल 2016 से ही रायगढ़ सर्किल में कार्यरत हैं.

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