Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में शुक्रवार को हुए दर्दनाक स्कूल हादसे (Jhalawar School Collapse) ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना के अगले दिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने बड़ा कदम उठाया है. सीएम ने शनिवार को राज्य के सभी जर्जर स्कूल भवनों और सरकारी संस्थानों की मरम्मत को तत्काल प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं.
अब मिलेगा ज्यादा बजट
मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि डांग, मगरा और मेवात क्षेत्रीय योजना के तहत आने वाले इलाकों में स्कूल, आंगनबाड़ी और अन्य राजकीय भवनों की मरम्मत के लिए बजट सीमा 15% से बढ़ाकर 20% कर दी गई है. इससे अब उन इलाकों में टूटे-फूटे भवनों की मरम्मत तेजी से हो सकेगी, जहां विकास की सबसे ज्यादा जरूरत है.
MLA फंड से भी हो सकेगी मरम्मत
सरकार ने विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MLA LAD) में भी बदलाव किया है. अब किसी भी योजना से बने राजकीय भवन की मरम्मत के लिए वार्षिक आवंटन का 20% तक खर्च किया जा सकेगा. पहले ये सीमा काफी सीमित थी, जिससे मरम्मत कार्य में देरी होती थी. अब विधायक अपनी सिफारिश पर स्कूल, पंचायत भवन, डिस्पेंसरी, आंगनबाड़ी जैसे सरकारी भवनों की हालत सुधारने के लिए तेजी से काम शुरू करवा सकेंगे.
हादसे टालने की तैयारी में जुटी सरकार
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद ये तमाम फैसले लिए गए हैं. सरकार का स्पष्ट इरादा है कि झालावाड़ जैसे हादसे दोबारा ना हों और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही ना बरती जाए. बताते चलें कि झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई है, जबकि 28 बच्चे घायल हुए हैं, जिनका इस वक्त भी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
भजनलाल सरकार ने मृतकों के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये देने का ऐलान किया है. साथ ही घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकारी खर्चे से दिए जाने की घोषणा की है. शिक्षा मंत्री ने झालावाड़ पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि वे पीड़ित परिवार के किसी एक सदस्य को संविदा पर सरकारी नौकरी देने के लिए सीएम से बात करेंगे.
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