Rajasthan News: राजस्थान में सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जयपुर सेंट्रल जेल (Jaipur Central Jail) में एक बार फिर तलाशी के दौरान एक मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद हुआ है. पिछले तीन दिनों में यह दूसरी बार है जब जेल के अंदर से मोबाइल मिला है. घटना मंगलवार दोपहर की है. जेल प्रशासन की तरफ से एक नियमित तलाशी अभियान चलाया जा रहा था. तभी बैरक नंबर दो के पास एक शौचालय के पास लावारिस हालत में एक मोबाइल फोन और एक सिम कार्ड पड़ा हुआ था.
मोबाइल मिलने की सूचना तुरंत आला अधिकारियों को दी गई. जेल प्रशासन की तरफ से तुरंत लाल कोठी थाने में इस मामले में एक नया मुकदमा दर्ज कराया गया है. फिलहाल, हेड कांस्टेबल जुगल किशोर इस मामले की जांच कर रहे हैं कि यह मोबाइल अंदर कैसे पहुंचा और इसका इस्तेमाल कौन कर रहा था.
प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि कोई कैदी लंबे समय से ये मोबाइल फोन चला रहा था. जैसे ही उसको जेल में सर्च अभियान का पता चला तो उसने पकड़े जाने के डर से मोबाइल फोन को टॉयलेट के पास फेक दिया. हालांकि जेल में सीसीटीवी कैमरे भी लगे होते हैं. उसके आधार पर भी तलाश की जा रही है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि मोबाइल फोन हाई-सिक्योरिटी जेल में कैसे पहुंचा?
जेल की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
जेल के अंदर मोबाइल का मिलना कोई छोटी बात नहीं है. जेल प्रशासन और कानून-व्यवस्था के जानकारों का कहना है कि जेल में बंद अपराधी मोबाइल फोन का इस्तेमाल बाहर अपने गुर्गों के साथ संपर्क में रहने, रंगदारी मांगने, गैंगवार की योजना बनाने और यहां तक कि जेल के अंदर से ही नए अपराधों को अंजाम देने के लिए करते हैं. जयपुर की सेंट्रल जेल जैसे हाई-सिक्योरिटी में बार-बार मोबाइल का मिलना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है.
होटल में मिले थे चार कैदी
हाल ही में हुई एक पुलिस जांच में यह सामने आया था कि जयपुर सेंट्रल जेल के कैदी इलाज के बहाने अस्पताल आते थे और वहां किसी कर्मचारी से डील करके अपनी गर्लफ्रेंड आदि से किसी होटल में मिलते थे. इस पूरे खेल में पुलिस के रिजर्व लाइन से चलने वाले गार्ड सांठगांठ करके अस्पताल से डॉक्टर की पर्ची बनवा लेते थे, फिर इलाज के नाम पर मौज-मस्ती करते थे.
जांच हुई जो फंसे थे कई लोग
इस घटना ने जेल प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिए थे. जब इस केस की जांच हुई रैकेट का सरगना जेल डॉक्टर कैलाश निकला. जबकि अन्य दो डॉक्टर एमबी चंदेल और डॉ. पिलानिया, पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश हुए थे. इस हाईप्रोफाइल जेल स्कैंडल में अब तक 5 पुलिसकर्मियों, 5 बंदियों और 10 अन्य सहयोगियों सहित कुल 20 लोग गिरफ्तार किए गया था. ये कैदियों ने होटल में VIP ट्रीटमेंट लेने और महिला मित्रों से मिलने के बहाने बाहर निकलकर फरार होने की प्लानिंग कर रखी थी. लेकिन, सतर्क पुलिस ने प्लान के तहत पहुंची गाड़ियों को ट्रैक किया और मौके से उन्हें दबोच लिया था.
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