Rajasthan News: राजस्थान का बारां जिला इस समय मौसमी बीमारियों की चपेट में है. बारिश थमने के बाद उमस और गर्मी के कारण डेंगू और स्क्रब टायफस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. बीते एक महीने में इन बीमारियों ने 3 लोगों की जान ले ली है, जिनमें एक बुजुर्ग भी शामिल है जिनकी मौत कोटा के एक अस्पताल में हुई. स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों की आधिकारिक पुष्टि की है.
हर 2 दिन में मिल रहा 1 डेंगू मरीज
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बारां जिले में अगस्त के शुरुआती 15 दिनों में डेंगू के 18 मरीज सामने आए थे. 28 अगस्त तक यह संख्या बढ़कर 25 हो गई और 19 सितंबर तक 35 हो गई. इसका मतलब है कि हर दो दिन में औसतन एक नया डेंगू का मरीज मिल रहा है. इसी तरह, स्क्रब टायफस के मामलों में भी भारी बढ़ोतरी देखी गई है. 28 अगस्त तक इस बीमारी के 37 मरीज थे, जो 23 सितंबर तक बढ़कर 75 हो गए. यानी हर रोज कम से कम 1 व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आ रहा है.
क्या है स्क्रब टायफस?
सीएमएचओ डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि स्क्रब टायफस एक ऐसी बीमारी है जो बारिश के बाद बढ़ जाती है. यह बीमारी उन कीड़ों के काटने से फैलती है जो मवेशियों के शरीर पर रहते हैं. जब मवेशी घरों के पास आते हैं तो ये कीड़े इंसानों को काट सकते हैं. अगर इस बीमारी का समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि विभाग इस बीमारी के बारे में जागरूकता अभियान चला रहा है और जांच की सुविधा भी उपलब्ध करा रहा है.
अस्पतालों में लगी मरीजों की कतारें
मौसमी बीमारियों, जैसे खांसी, जुकाम, बुखार और सांस लेने में तकलीफ के कारण जिला अस्पताल और उपखंड स्तर के सभी अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है. जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या 3,000 से बढ़कर 4,000 तक पहुंच गई है. सीएमएचओ ने बताया कि वायरल फीवर के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन अस्पतालों में दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता है और डॉक्टरों को पूरी मुस्तैदी से काम करने के निर्देश दिए गए हैं.
रोकथाम के लिए प्रशासन के प्रयास
डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें साप्ताहिक अवकाश के दिनों में भी लोगों को जागरूक कर रही हैं. मच्छर रोधी गतिविधियां भी चलाई जा रही हैं, जिसमें घर-घर जाकर रुके हुए पानी को खाली करवाया जा रहा है, ताकि मच्छरों को पनपने से रोका जा सके. उन्होंने कहा कि चूंकि बारिश रुक गई है और पानी का जमाव हो रहा है, इसलिए मच्छर अधिक पैदा हो रहे हैं. उनका मानना है कि अगर मच्छर कम होंगे तो डेंगू के मामले भी घटेंगे.
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