राठौड़ वंश की कुल देवी है मां नागणेचीजी, दर्शन मात्र से होता है जीवन में चमत्‍कार

मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया है. रंग-बिरंगी रोशनियों, फूलों और झूमरों से सजे दरबार में भक्त भाव-विभोर नजर आए.

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राठौड़ वंश की कुलदेवी मानी जाने वाली मां नागणेचीजी.

शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन पूरे शहर में भक्तिमय माहौल रहा. मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई. शहर के देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं ने माता रानी के दरबार में हाजिरी लगाकर सुख-समृद्धि और मंगलकामना की प्रार्थना की.

हर दिन अलग-अलग अनुष्ठान होते हैं 

सबसे ज्यादा आस्था का सैलाब शहर के ऐतिहासिक नागणेचीजी मंदिर में देखने को मिला. हजारों श्रद्धालु यहां माता नागणेचीजी के दर्शन करने पहुंचे. राठौड़ वंश की कुलदेवी मानी जाने वाली मां नागणेचीजी का यह मंदिर 500 वर्ष से भी अधिक पुराना है. नवरात्रि पर्व पर यहां विशेष आयोजन होते हैं, और हर दिन अलग-अलग धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं.

विशेष भजन संध्या होता है 

नवरात्रि के अवसर पर यहां हर दिन विशेष भजन संध्या, दुर्गा पाठ और आरती का आयोजन किया जा रहा है. भक्तों का मानना है कि नवरात्रि में मां नागणेचीजी के दर्शन मात्र से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं, और घर-परिवार में सुख-शांति आती है.

श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम 

अधिकारियों और मंदिर प्रबंधन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं. दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए पुलिस और स्वयंसेवक भी तैनात हैं. नवरात्रि के नौ दिनों तक बीकानेर शहर भक्ति और आस्था से सराबोर रहेगा. श्रद्धालु दिन-रात माता के जयकारों के साथ मंदिरों में दर्शन करते रहेंगे.

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