Rajasthan: जयपुर में दो छोटे बच्चों के यूट्यूब वीडियो और इंस्टा रील्स बनाने पर सख्त आपत्ति जताते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने इन बच्चों की कस्टडी उनके दादा-दादी से छीन ली और बच्चों को मां को सौंपने का फैसला सुनाया. इन बच्चों के पिता की मौत के बाद मां बीमार रहती थी और वह अपने पिता के घर रहती हैं. लेकिन बच्चों को दादा-दादी ने अपने पास रख लिया था और उन्हें मां के साथ नहीं जाने दिया. इसे लेकर मां ने अदालत में गुहार लगाई थी. बच्चों की कस्टडी के मामले की सुनवाई के दौरान मां पक्ष की ओर से अदालत को बच्चों के वीडियो दिखाए गए. इसी को आधार बनाते हुए जज ने फैसला सुनाया. बच्चों की मां ने बताया कि उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके बच्चे यूट्यूब पर वीडियो बना रहे हैं.
बच्चों की मां ने बताया, बस फोन देखते थे बच्चे
जयपुर के आमेर क्षेत्र की 11 साल की बच्ची और 7 साल के बच्चे की मां ने बताया कि अपने पति की मृत्यु के बाद वह बीमार रहती थीं और बच्चे सारा दिन दादा-दादी से लेकर मोबाइल देखते रहते थे. मां प्रीति सैनी ने एनडीटीवी से कहा,"मुझे कुछ पता भी नहीं था मगर एक दिन मेरी भाभी ने बताया कि उन्होंने मेरे बच्चों को यूट्यूब पर देखा. मैंने कहा कि ये हो ही नहीं सकता. लेकिन फिर उन्होंने मुझे दिखाया तो मैंने वीडियो का बैकग्राउंड देख कर पहचाना कि ये मेरी ससुराल का वीडियो है. मैंने सास-ससुर से पूछा तो उन्होंने कहा कि बच्चे दोपहर में स्कूल से आने के बाद फोन देखते हैं तो देखने दो. बाद में तो आप भी उनको फोन दोगे ही, देखने दो."
मां ने बताया कि जब उन्होंने बच्चों को फोन देने का विरोध किया तो दादा-दादी ने बच्चों को ही भड़का दिया. उन्होंने कहा,"बच्चे मुझे कहने लगे कि आप गंदे हो, हमें फोन नहीं देते, मेरे दादा-दादी देते हैं, वो अच्छे हैं. तो उन्होंने धीरे-धीरे बच्चों को मेरे खिलाफ कर दिया."
डरावने वीडियो बनाती थी बच्ची
मां ने बताया कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूट्यूब पर बच्ची के वीडियो देखे जिसमें कई में वह इंजेक्शन से खेल रही थी, तो कई में राक्षसों जैसी बन के खेल रही थी. अदालत ने बच्चों के खान-पान और परवरिश को लेकर भी चिंता जताई. सुनवाई के दौरान मां के वकील ने अदालत को बताया कि बच्चे अपने दादा-दादी के घर केवल जंक फूट और स्नैक्स खाते थे और उन्हें दूध तक नहीं दिया जाता था.
बच्चों की मां ने NDTV से बात की
बच्चों की मां ने यह भी बताया कि उनके बेटे के हाथ में सूजन रहती थी, और जांच में पता चला था कि उसे कई चीजों से एलर्जी थी और बाहर का खाना ठीक नहीं था. लेकिन उसे बाहर की हर चीज खिलाई जा रही थी. उन्होंने कहा,"कोर्ट में जब पूछा गया कि क्या उसे दवा दी जाती है तो उसने कहा कि कोई दवा नहीं मिलती. इसके बाद कोर्ट ने मेरे पापा से कहा कि वो मेरे बेटे का इलाज करवाएं."
हालांकि, बच्चों के दादा का अदालत में कहना है कि ये वीडियो पुराने हैं और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि बच्चे वीडियो बना रहे हैं. लेकिन एडवोकेट ने कहा कि वीडियो से साफ लग रहा था कि बच्चों के वीडियो कोई और रिकॉर्ड करता था इसलिए दादा-दादी को अच्छी तरह पता था कि बच्चे वीडियो कैसे बना रहे हैं.
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