बुजुर्गों के पेंशन पर युवा डाल रहे डाका, राजस्थान के इस गांव से फर्जीवाड़े के 674 मामले आए सामने, मचा हड़कंप

Rajasthan Government Pension Scam: सरकारी अधिकारी राजनीतिक व्यक्तियों के मिलीभगत से लोगों को गलत तरीके से फायदा पहुंच रहा है. शिकायतकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत यह खुलासा किया, तब जाकर कई अधिकारियों की नींद उड़ गई.

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बूजुर्गों के पेंशन पर डाका डाल रहे राजस्थान के युवा (प्रतीकात्मक फोटो)

Rajasthan Fake Age Documents: राजस्थान से पेंशन योजना में गड़बड़ी करने का बड़ा मामला सामने आया है. जिसमें सैकड़ों लोगों ने बिना योग्यता के ही पेंशन उठाना शुरू कर दिया है. ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें महिला और पुरुषों की उम्र 25 से 30 साल के बीच है. लेकिन लोगों ने राशन कार्ड में उम्र एडिट करके 50 से ऊपर बता दी है. वही पेंशन योजना के लिए आवेदन कर पेंशन उठाना शुरू कर दिया है. जिससे सरकार के लाखों के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे है. इस मामले का खुलासा शिकायतकर्ता गणपत राम द्वारा आरटीआई के तहत सूचना मांगने पर हुआ है.

खुलासे के दौरान सामने आया कि 30 वर्ष के युवकों ने अपनी उम्र 50 वर्ष बताई है. जबकि 28 साल की महिला ने अपनी उम्र 48 साल बताई है. जानकारी के अनुसार बलाया ग्राम पंचायत में ऐसे सैकड़ो परिवार है जो गलत तरीके से पेंशन उठा कर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं. जबकि पेंशन उठाने के लिए उनकी योग्यता सरकारी नियम अनुसार पूरी नहीं है.

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फर्जी तरीके से बढ़ाई युवाओं ने अपनी उम्र 

बलाया गांव के हरिराम की ग्राम पंचायत रिकॉर्ड के अनुसार उम्र 30 वर्ष है. लेकिन पेंशन के लिए आवेदन के साथ लगे राशन कार्ड की प्रति में उम्र 49 वर्ष बताई गई है. इसमें शिकायत के बाद मामले की जांच भी हो चुकी है और वीडियो ने वसूली के लिए नोटिस भी दिया है.

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इसी प्रकार महिला शिवरी की उम्र 28 वर्ष है, लेकिन आवेदन के साथ बताएं राशन कार्ड में उम्र 48 वर्ष बताई गई है. जिसके चलते 1 लाख से अधिक राशि की गड़बड़ी करने की जांच भी हो चुकी है.

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पेंशन पाने के लिए बढ़ा दी छोटे बच्चों की उम्र

कई ऐसे परिवार है जिन्होंने वृद्धावस्था की पेंशन प्राप्त करने के लिए खुद के साथ-साथ अपने बच्चों की भी उम्र बढ़ाई है. 6 साल के बच्चों को 16 तो 4 साल की बच्ची को 14 साल की बता दी. वहीं रोचक बात तो यह है कि जिस बच्ची को 14 साल की बताई गई है. उसकी बड़ी बहन को 10 साल ही बताया गया. कागजों में इन मामले में राशन कार्ड का उपयोग किया गया है, जो 2014 में ऑफलाइन थे. इस दौरान बिना प्रमाणित की गई पेंशन शुरू करवाई गई.

कई ऐसे राशन कार्ड है जो ग्राम पंचायत अन्य किसी जिम्मेदार अधिकारी से प्रमाणित नहीं है. कहीं कागजों में तो एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग पीपीओ नंबर जारी किए हुए हैं.

इन सभी गड़बड़ियों में सभी कागजों पर सरकारी अधिकारी, जैसे गांव के सरपंच, ग्राम सेवक, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सभी के हस्ताक्षर और मोहर लगती है और यह सारे काम ईमित्र द्वारा किए जाते हैं. अब कहीं ना कहीं इन सभी गड़बड़ियों में सरकारी तंत्र का भी हाथ है.

हर महीने खाते में आ रही पेंशन

नागौर जिले के इन 15 पंचायत के लगभग सभी गांव में 150 से अधिक ऐसे युवा है जिनके सही उम्र 30 और 40 के बीच है. लेकिन आधार कार्ड में 55 साल से अधिक बता कर पेंशन का लाभ ले रहे हैं. युवाओं के खाते में हर महीने 1150 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से पेंशन जमा हो रही है. यह आंकड़ा तो सामने आ चुका है. सही तरीके से जांच करवाई जाए तो और भी मामले सामने आ सकते हैं.

वसूले जाएंगे सरकारी रुपये 

अतिरिक्त जिला कलेक्टर नागौर चंपालाल जीनगर ने बताया कि पंचायत समिति के विकास अधिकारी और उपखंड अधिकारी को संबंधित विषय में जांच अधिकारी बनाकर जांच करवाई गई है. शिकायत मिलने पर मामले की जांच करवाई गई है जिसमें शिकायत सही पाई गई. इस पर कार्रवाई करते हुए वसूली के आदेश दिए गए हैं. सरकारी पैसे का गबन करने वाले किसी को भी नहीं बक्शा जाएगा. अगर और भी ऐसे मामले सामने आते हैं तो उन पर ही नियम अनुसार कानूनी कार्रवाई करके सरकारी रुपये वापस वसूले जाएंगे.

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