हाथरस कांड वाले बाबा का राजस्थान में इस पटवारी के घर था अस्थायी निवास, जहां चलता था पेपर लीक का रैकेट

हाथरस कांड वाले बाबा नारायण साकार ने राजस्थान के दौसा में अपना अस्थायी निवास बना रखा था. यह अस्थायी निवास एक पटवारी के घर पर था.

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Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 2 जुलाई को एक सत्संग में भीषण हादसा हुआ. जिसमें 122 लोगों की मौत हो गई. यह सत्संग नारायण साकार हरि बाबा के द्वारा आयोजित किया गया था. सत्संग में भगदड़ मचने से इतनी संख्या में महिलाएं और बच्चों की मौत हुई है. वहीं हादसे के बाद बाबा के तार कई मामलों में सामने आ रहा है. वहीं एक कनेक्शन राजस्थान के चर्चित रैकेट पेपर लीक के साथ भी जुड़ा हुआ है. नारायण साकार राजस्थान में काफी चर्चित थे. यही वजह है कि राजस्थान से भी भारी संख्या में लोग हाथरस सत्संग में पहुंचे थे. 

बाबा नारायण साकार ने राजस्थान के दौसा में अपना अस्थायी निवास बना रखा था. यह अस्थायी निवास एक पटवारी के घर पर था. यह वही पटवारी है जिसे 4 महीने पहले फरवरी 2024 में JEAN भर्ती परीक्षा 2020 के पेपल लीक का आरोपी है. इस पटवारी का नाम है हर्षवर्धन मीणा जो इस वक्त SOG की गिरफ्त में है. लेकिन हाथरस हादसे के बाद बाबा नारायण साकार के साथ अब हर्षवर्धन मीणा सुर्खियों में आ गया है. क्योंकि नारायण साकार हर्षवर्धन के घर अपना दरबार लगाते थे. जहां भारी संख्या में लोग आते थे. साथ ही इसी घर से पेपर लीक का रैकेट भी चलाया जा रहा था.

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4 महीने में लगता था दरबार

हर्षवर्धन मीणा के घर पर नारायण साकार हर 4 महीने में दरबार लगाता था. यहां लोगों का कहना है कि इस दरबार में हजारों लाखों की संख्या में लोग पहुंचते थे. हालांकि उनका कहना है कि बाबा के पास स्थानीय लोग नहीं जाते थे, जो बाहर से लोग आते थे वह इस दरबार में जाते थे. वहीं लोगों ने बताया कि जब से इस घर पर SOG की रेड पड़ी है, यहां दरबार लगाना बंद कर दिया गया है. इस मकान को भी SOG ने सील कर दिया है. जबकि इस घर के बाहर एक बोर्ड लगवाया गया जिसमें लिखा है.

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नारायण हरि महात्मा गांधी एवं SMS मेडिकल कॉलेज जयपुर के डॉक्टरों के परामर्श एवं सलाह से ग्रामीण परिवेश की आवोहवा लेने व स्वास्थ्य लाभ के लिए स्वयं के निज प्रवास पर हैं. वर्तमान में कोई भी समागम यहां नहीं चल रहा है. अतः प्रार्थना है कि नारायण हरि प्रवास पर आने का कष्ट नहीं करें.

बता दें हर्षवर्धन मीणा का यह घर जयपुर-आगरा हाईवे से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर है. इस मकान को पूरी तरह से आश्रम की तरह बनाया गया था. जबकि इसकी सुरक्षा में प्राइवेट गार्ड लगाए गए थे. इसके अंदर अनजान लोगों का जाना मना था. 

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हर्षवर्धन ने घर को लेकर किया था खुलासा

हर्षवर्धन मीणा को जब हिरासत में लिया गया था तो उसने इस घर के बारे में बताया था. जब जांच की गई थी तो इस घर में पेपर लीक से जुड़े उत्तर पुस्तिका और दस्तावेज मिले थे. इसके बाद ही खुलासा हुआ था कि दिव्य दरबार के आड़ में यहां पेपर लीक का रैकेट चलाया जाता है. जब SOG ने दबिश दी तो नारायण साकार अपने अनुयायियों के साथ वहां से फरार हो गए थे.

नारायण साकार बनना चाहता था रसूक

बताया जाता है कि नारायण साकार पेपर लीक के जरिए ज्यादा से ज्यादा पैसे जुटाना चाहता था. वहीं बड़ी रकम के जरिए वह समाज में रसूख पाना चाहता था. क्योंकि दौसा स्थित इस यह घर यूपी और राजस्थान को जोड़े जाने वाले सड़क के पास था. तो उसके दरबार में ज्यादा से ज्यादा लोग जुटते थे. 

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