नरेश मीणा ने पिपलोदी में पीड़ित परिवारों में बांटे 1 करोड़ रुपये, वसुंधरा राजे पर किया तीखा प्रहार

नरेश मीणा ने अपने समर्थकों के साथ पिपलोदी गांव में पीड़ित परिवारों को 1 करोड़ से अधिक की आर्थिक सहायता बांटी.

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नरेश मीणा

Naresh Meena: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में 25 जुलाई 2025 को एक सरकारी स्कूल का छत गिर गया था. इस हादसे में 7 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी. जबकि 28 अन्य बच्चे बुरी तरह घायल हो गए थे. इस मामले में सरकार ने जांच के आदेश दिये थे. साथ ही सरकारी तौर पर मुआवजे का ऐलान किया गया था. हालांकि, पीड़ित परिवार की ओर से युवा नेता नरेश मीणा ने 50-50 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान और परिवार के लिए नौकरी का प्रावधान करने की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे थे. जिसमें उन्हें काफी लोगों का समर्थन मिला. आंदोनल के दौरान नरेश मीणा ने अनशन और मौन व्रत भी किये थे.

आंदोलन के बीच नरेश मीणा बीमार हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं नरेश मीणा के समर्थकों ने पिपलोदी हादसे के परिवार की सहायता के लिए काफी डोनेशन (Donation) दिया था. जिससे अच्छी खासी रकम जमा हो गई थी. उस राशि को नरेश मीणा ने अपने समर्थकों के साथ पीपलोदी गांव पहुंच कर पीड़ित परिवारों को एक करोड़ से ज्यादा की सहायता राशि बांटकर मानवीय संवेदनाओं का उदाहरण पेश किया.

वसुंधरा राजे पर तंज

नरेश मीणा ने लोगों से मुलाकात करते वक्त राजस्थान सरकार और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया पर जमकर निशाना साधा. गांव में उमड़ी भीड़ के बीच नरेश मीणा ने तंज कसते हुए कहा, 'यहां तो बकरियां बांटी जाती हैं, लेकिन वहां बकरी चराने वाले को नंगा करके सरेआम प्रताड़ित किया जाता है.'

नरेश मीणा ने कहा कि यहां लोगों ने अलग-अलग तरीकों से कई लोगों ने मदद किया. लेकिन जिसे यहां कि जनता ने 10 बार सांसद बनाया और दो बार सीएम बनाया. उनकी तरफ से कुछ भी नहीं दिया गया.

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नरेश मीणा ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले हर परिवार को 13-13 लाख रुपये की आर्थिक सहायता सौंपी. इसके अलावा 12 घायल बच्चों के परिजनों को 75-75 हजार रुपये और जयपुर तक आंदोलन की आवाज़ पहुंचाने वाले एक व्यक्ति को भी 75 हजार रुपये की मदद दी गई. कुल मिलाकर, 1 करोड़ 75 हजार रुपये की ऐतिहासिक सहायता राशि पीपलोदी गांव के पीड़ित परिवारों को सौंपी गई.

राजनीतिक पार्टी का पैसा नहीं

नरेश मीणा ने साफ शब्दों में कहा कि यह रकम किसी राजनीतिक पार्टी की नहीं, बल्कि जन सहयोग और समाजसेवी भामाशाहों की मदद से जुटाई गई है. इस मौके पर समाजसेवी माता दीन भी मौजूद रहे जिन्होंने इस अभियान में बड़ा योगदान दिया है.

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सभा को संबोधित करते हुए नरेश मीणा ने सरकार की संवेदनहीनता पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा, “सरकार की संवेदनाएं मर चुकी हैं. अब हर गरीब, हर पीड़ित और हर शोषित के लिए हम लड़ेंगे. यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक न्याय नहीं मिल जाता.”

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