Naresh Meena In Samrawata: देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान मतदान के समय हुए थप्पड़ कांड और मतदान समाप्ति के बाद गांव में हुई हिंसा और आगजनी मामले में गिरफ्तार होकर 8 महीने से जेल में बंद रहे नरेश मीणा रिहा होने के बाद सबसे पहले समरावता गांव पहुंचे. गांव की धरती को नमन कर उन्होंने वहां की जनता का अभिवादन किया. टोंक से समरावता तक सड़कों पर उनके समर्थकों की भारी भीड़ देखने को मिली, जो उनकी एक झलक पाने को बेताब थी.
''रघुकुल रीत सदा चली आई..."
समरावता गांव पहुंचकर नरेश मीणा ने रामायण की चौपाई ''रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए'' के माध्यम से अपनी बात शुरू की. उन्होंने कहा कि सनातन परंपराओं के अनुसार किसी का स्वागत अस्वीकार नहीं करना चाहिए, लेकिन न्यायालय के आदेशों का पालन करना उनका धर्म है. इसलिए वे फिलहाल ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे और आगे भी न्यायालय की मर्यादा बनाए रखेंगे.
''जनता का विश्वास कभी टूटने नहीं देंगे''
गांव की जनता से रूबरू होते हुए नरेश मीणा भावुक नजर आए. उन्होंने कहा, “समरावता ने मुझे अपना बेटा माना है, और मैं बेटा बनकर ही आया हूं. बेटा हूं और सदा बेटा बनकर ही रहूंगा.” उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे जनता का विश्वास कभी टूटने नहीं देंगे और हर परिस्थिति में संविधान और कानून के अनुसार चलेंगे.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, '' मैं आपको जल्द आमंत्रित करुंगा. जितने भी आपके सवाल हैं, जितनी भी आपकी जिज्ञासाएं है सबका जवाब दूंगा. नीली छतरी वाले की कृपा है, उसकी का आशीर्वाद मुझे मिला है.
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