NEET परीक्षा में डमी कैंडिडेट को रंगे हाथ पकड़कर छोड़ा, 1 महीने बाद झालावाड़ मेडिकल कॉलेज से हिरासत में ली गई छात्रा

उक्त एफआईआर के संदर्भ में पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए छात्रा को नोटिस दिया और 5 मई को पूछताछ करके छोड़ दिया था. बाद में 13 जून को पुलिस वापस आई और छात्र को अपने साथ ले गई. उसके एक सहपाठी को भी पुलिस अपने साथ ले गई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET UG 2024) के आयोजन में गड़बड़ियों के तार अब राजस्थान के झालावाड़ मेडिकल कॉलेज (Jhalawar Medical College) से जुड़ गए हैं. यहां पढ़ने वाले 8 छात्रों की सीबीआई (CBI) द्वारा गिरफ्तारी के बाद अब एक छात्रा का डमी कैंडिडेट (Dummy Candidate) बनकर परीक्षा देते रंगे हाथ पकड़े जाने का मामला सामने आया है. 

छात्रा की पहचान भिवाड़ी निवासी निशिका यादव के रूप में हुई, जो झालावाड़ मेडिकल कॉलेज से MBBS सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रही है. बताया जा रहा है कि नवीं मुंबई के एक सेंटर पर गत 5 मई को बतौर डमी कैंडिडेट परीक्षा देते उसे रंगे हाथ पकड़ा गया है. उस वक्त नवीं मुंबई की सीबीडी बेलापुर पुलिस ने शुरुआती पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया था. लेकिन पिछले दिनों पुलिस राजस्थान आई और झालावाड़ मेडिकल कॉलेज से निशिका और चूरू जिले के निवासी एक अन्य छात्र को हिरासत में लेकर अपने साथ ले गई. छात्र पर आरोप है कि उसने इस फर्जीवाड़े में छात्रा की मदद की थी.

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NTA की अधिकृत एजेंसी ने जताया शक

नवीं मुंबई के सीबीडी बेलापुर थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, डीवाई पाटिल कॉलेज की निदेशक की शिकायत पर यह रिपोर्ट दर्ज की गई है. इसमें बताया गया है कि 5 मई को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने NEET एग्जाम कराया था. इसका सेंटर उनके कॉलेज में भी था. परीक्षा से पहले NTA की ओर से छात्रों की तलाशी ली गई और बायोमेट्रिक, दस्तावेज़ सत्यापन किया गया. परीक्षा शुरू होने के बाद उन्हें NTA की अधिकृत एजेंसी (इनावेटिव कंपनी) के प्रतिनिथि द्वारा सूचना दी गई कि मयूरी मनोहर पाटिल नाम की छात्रा संदिग्ध है. इसके बाद परीक्षा समाप्त होने का इंतजार किया गया.'

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बायोमेट्रिक जांच मिसमैच से हुआ खुलासा

जब एग्जाम पूरा करके सभी बाहर आने लगे तो उक्त छात्रा को रोक लिया गया. इसके बाद इनोवेटिव कंपनी के प्रतिनिधि की मदद से उसकी बायोमेट्रिक जांच फिर से की गई, जो मिसमैच थी. बायोमेट्रिक जांच के बाद कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि उक्त छात्रा डमी है. उस समय जब छात्रा को विश्वास में लेकर पूछा तो उसने अपना नाम निशिका प्रेमकाश यादव बताया. साथ ही खुद का पता भिवाड़ी-अलवर राजस्थान और मेडिकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष में पढ़ना बताया. उक्त एफआईआर के संदर्भ में पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए छात्रा को नोटिस दिया और पूछताछ करके छोड़ दिया था. बाद में 13 जून को पुलिस वापस आई और छात्र को अपने साथ ले गई. उसके एक सहपाठी को भी पुलिस अपने साथ ले गई है.

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अब यह केस सीबीआई को सुपुर्द

नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के 8 छात्र भी दिल्ली पुलिस की जांच के दायरे में आए. साउथ वेस्ट दिल्ली के वसंत कुंज नॉर्थ थाने में दर्ज एफआईआर (116/2024) के संबंध में वहां की पुलिस टीम 8 मई को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज पहुंची और आठों छात्रों के बारे में जानकारी ली. तब ये छात्र कॉलेज में उपस्थित नहीं थे. इनमें वर्ष 2019 बैच के 3, 2020 बैच के 2, 2021 बैच का 1 और वर्ष 2022 वैच के 2 छात्र थे. इनमें तीन छात्र चूरू, दो बाड़मेर, एक-एक छात्र हनुमानगढ़, नागौर और जालोर जिले का रहने वाला है. सूत्रों ने बताया कि कॉलेज से डिटेल प्राप्त करके इन छात्रों को उनके घरों से दिल्ली पुलिस लेकर गई और पूछताछ के बाद छोड़ दिया. इस प्रकरण के संबंध में दिल्ली के वसंत कुंज नॉर्थ थाने के एसएचओ रितुराज ने बताया कि प्रकरण अब सीबीआई को सौंप दिया है. इस केस में हमने शुरू में दिल्ली में ही दो गिरफ्तारियां की थीं, इसके बाद आगे की कार्रवाई सीबीआई कर रही है.