अजमेर में नवरात्रि के समापन पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया. कई दिनों तक भक्तों ने पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, जागरण और गरबा का आयोजन कर माता रानी की आराधना की. विसर्जन के दिन सुबह से ही शहर का माहौल भक्तिमय और उल्लासपूर्ण रहा. माता की मूर्ति का विसर्जन के दौरान छोटी-छोटी बच्चियां रोने लगीं. उनकी मां ने गले लगाकर ढांढस बंधाया. बच्चियों को रोता देख हर कोई भावुक हो गया.
माता के लगाए जयकारे
ढोल-नगाड़ों और बैंड-बाजों की गूंज के बीच भक्त माता रानी की प्रतिमा को लेकर जुलूस के रूप में अजमेर के आज़ाद पार्क स्थित अस्थायी पानी के कुंड पर पहुंचे. माता के जयकारे लग रहे थे. कोई माता रानी की प्रतिमा को टेंपो में सजाकर लाया, तो कोई अपने कंधों पर उठाकर माता के चरणों में आस्था समर्पित करने आया. पूरे मार्ग पर जयकारों की गूंज और भक्तों का उत्साह देखने लायक था.
माता की मूर्ति का किया विसर्जन.
पूजन के बाद श्रद्धा से किया विसर्जन
अस्थायी कुंड पर पहुंचकर भक्तों ने माता रानी की प्रतिमा के सामने विधिवत पूजा-अर्चना की. नारियल, फूल, दीपक और जल अर्पित कर भक्तों ने माता से परिवार की सुख-समृद्धि और देश-प्रदेश की खुशहाली की प्रार्थना की. इसके बाद भक्तों ने माता रानी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया. श्रद्धा और आस्था से सराबोर यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक बना.
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