NDTV Ground Report: सम में 150 रिसॉर्ट, ऑनलाइन 400 लिस्टेड! जैसलमेर में ऑनलाइन कैंप बुकिंग की आड़ में पयर्टकों से हो रहा बड़ा स्कैम

Sam Jaisalmer Camp Booking Scam: जैसलमेर के मशहूर पर्यटन स्थल सम की छवि को धूमिल कर रहा यह ऑनलाइन ठगी कांड अगर समय रहते नहीं रोका गया तो वो दिन दूर नहीं जब पर्यटक इस डेस्टिनेशन से मुंह मोड़ लेगा और यह गुलजार रेगिस्तान एक बार फिर गुमनाम-सुनसान हो जाएगा.

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Rajasthan News: राजस्थान के टूरिस्ट मैप में जैसलमेर जिला अपनी विशेष पहचान रखता है. यहां रेतीले टीलों पर कैमल सफारी, जीप राइड के साथ अन्य एडवेंचर एक्टिविटीज टूरिस्ट को काफी आकर्षित करती हैं. साथ ही रेत के धोरों पर सपनों के महल के भांति बने रिसॉर्ट्स मन मोह लेते हैं. ऐसा कहते हैं कि सम के मखमली धोरों के बीच बने इन रिसॉर्ट्स में रात गुजारे बिना यहां का टूर अधूरा होता है. यही कारण है कि हर साल लगभग 200-250 करोड़ का व्यापार सम शहर से होता है. लेकिन टूरिस्ट जब जैसलमेर के सम सेंड ड्यून्स पहुंचते हैं तो उनकी तमाम कल्पना धराशाही हो जाती है, क्योंकि उन्होंने जिस रिसॉर्ट में बुकिंग की थी, वहां मौके पर उन्होंने कुछ नहीं मिलता. वहां पहुंचकर उन्हें पता चलता है कि वो ठगी के शिकार हो चुके हैं. हर साल ये मामले लगभग दोगुने हो रहे हैं.

वास्तव में 150 टेंट, ऑनलाइन 400 टेंट लिस्टेड

जैसलमेर के सम में धरातल पर लगभग 150 के करीब रिसॉर्ट्स बने हैं, जिनमें से कुछ लग्जरी, कुछ मीडियम तो कुछ बिल्कुल बजट टेंट्स हैं. लेकिन जब ऑनलाइन बुकिंग के लिए आप किसी भी साइड पर जाएंगे तो कुल मिलाकर 400 से अधिक टेंट लिस्टेड नजर आएंगे. अब आप समझ ही गए होंगे कि 250 के करीब टेंट केवल ठगी करने के लिए लिस्टेड हैं. इसी कारण पर्यटकों के काफी हद तक ठगी के शिकार होने की संभावना बनी रहती है. ये ऑनलाइन ठगी भी इतनी सफाई से करते है कि पर्यटक समझ तक नहीं पाता.

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सम के रेगिस्तान में बना एक रिसॉर्ट.
Photo Credit: NDTV Reporter

स्पेशल ऑफर समझ ठगी का शिकार हो रहे टूरिस्ट

आप ऑनलाइन साइड पर जाकर जब देखंगे तो लग्जरी रिसॉर्ट के फोटो दिखाई देंगे और रेट काफी रिजनेबल या उससे भी कम बताए जाएंगे. पिक सीजन में भी वहां टेंट्स आवेलेबल बताएगा. अधिकतर लोग इसे ऑफर समझकर उसी वक्त बुकिंग कर लेते हैं, जिसका 20 से 50 प्रतिशत तक और कई बार 100 प्रतिशत भी एडवांस पेमेंट पर्यटक कर देते हैं. लेकिन जब सम पहुंचते हैं तो न तो रिसॉर्ट के नंबर पर कोई फोन अटेंड करता, और न बताई गई लोकेशन आस-पास होती है.

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सम के रेगिस्तान में कैमल सफारी का आनंद लेते पर्यटक.
Photo Credit: NDTV Reporter

NDTV राजस्थान ने ग्राउंड जीरो पर जाकर की पड़ताल

ठगी के इस तरीके का पर्दाफाश करने के लिए NDTV राजस्थान के संवाददाता श्रीकांत व्यास ग्राउंड जीरो पर गए और हर छोटी चीज को अपने कैमरे पर रिकॉर्ड कर लिया. सबसे पहले उन्होंने ऑनलाइन एक रिसॉर्ट की बुकिंग की. लेकिन एडवांस पेमेंट करने से पहले वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर फोन किया. लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. इसके बाद श्रीकांत अपने कैमरामेन के साथ सम शहर पहुंच गए, जहां उन्होंने पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों से इस बारे में बातचीत की, जिसमें इस प्रकार के कई केसों के बारे में उन्होंने जानकारी दी.

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केस स्टडी-1:

सम सेंड ड्यूंस के डेजर्ट वेल्ली रिसॉर्ट के मालिक गुलाम ने NDTV राजस्थान से बातचीत करते हुए बताया कि पिछले साल एक परिवार के साथ ठगी हुई. वो दीपावली के आसपास यहां घूमने आए थे. उन्होंने ऑनलाइन बुकिंग साइड पर लग्जरी रिसॉर्ट्स के फोटो देखे, और पसंद आने पर 3 टेंट बुक करवाए, जिसके लिए करीब 2 लाख 85 हजार रुपये का भुगतान उन्होंने ऑनलाइन कर दिया. लेकिन जब सम पहुंचकर पर्यटकों ने ऑनलाइन साइड से मिले रिसॉर्ट के नंबर पर कॉल किया तो कोई जवाब नहीं मिला. पर्यटक भटकते हुए सम से वापिस जा रहे थे. तभी उन्हें वो रिसॉर्ट नजर आया जिसके फोटो लगे थे. लेकिन उनकी बुकिंग वहां नहीं हुई थी. हालांकि सम वेलफेयर सोसायटी ने मिलकर उन्हें मदद की और सम में रिजनेबल रेट में रुकवाया.

वेल फेयर सोसायटी के अध्यक्ष कैलाश व्यास
Photo Credit: NDTV Reporter

केस स्टडी-2:

ऐसा ही सम के लग्जरी रिसॉर्ट 'ले रॉयल कैम्प' व 'हाइन्स डेजर्ट कैम्प' के साथ हुआ. जब इन रिसॉर्ट्स के फोटो किसी अन्य फेक रिसॉर्ट की साइड पर अपलोड कर बड़ा घोटाला किया गया. पर्यटकों ने फोटो के आधार पर बुकिंग करवाई, लेकिन जहां से बुकिंग हुई, वहां कोई फोन नहीं अटेंड कर रहा था. कैम्प मालिक भैरव सिंह ने बताया कि पर्यटकों ने हमारे रिसॉर्ट के फोटो देखे थे. जब किसी ने फोन नहीं उठाया तो वह परेशान हो गए. किसी राह चलते व्यक्ति ने फोटो  देख उसे हमारे रिसॉर्ट भेज दिया. टूरिस्ट जब रिसॉर्ट पर पहुंचे तो पहले पर्यटक समझ नहीं पाए. उनका कहना था कि पेमेंट तो यहीं रिसॉर्ट देखकर किया था, लेकिन नाम अलग था. सम वेलफेयर सोसायटी के लोगों ने मिलकर उनकी मदद की. इस घटना की जानकारी देते हुए पर्यटन व्यवसायी काफी आहत नजर आए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना सम कि छवि को धूमिल करती है. साथ ही हम जैसे व्यापारी भी बदनाम हो रहे हैं. पर्यटक भी ठगा महसूस करता है.

पर्यटन व्यवसायी भैरव सिंह
Photo Credit: NDTV Reporter

कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर रोकथाम की मांग

सम वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष कैलाश व्यास ने NDTV राजस्थान से बातचीत की, जिसमें उन्होंने 'रेगिस्तान के जहाज' पर लगी ऊंट गाड़ी में मनोरम दृश्य में यहां की हकीकत बयां की. व्यास ने बताया कि सम में सिर्फ 150 रिसॉर्ट हैं. लेकिन अलग-अलग ऑनलाइन वेबसाइट पर 400 से ज्यादा दिख रहे हैं. वास्तव में खाली पड़ी जमीन पर ऑनलाइन देखें तो रिसॉर्ट दिखाई दे रहा है. कहीं लोकेशन जैसलमेर फोर्ट की है, तो कहीं पर लोकेशन डाली ही नहीं गई है. ऐसे में यहां आने वाले सैलानी ऑनलाइन रिसॉर्ट बुककर धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं. इससे छवि खराब हो रही है. इसकी रोकथाम के लिए सम कैंप व रिसॉर्ट वेलफेयर सोसायटी ने कलेक्टर प्रताप सिंह को ज्ञापन सौंपकर सम में ऑनलाइन फर्जी रिसॉर्ट पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

जैसलमेर पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक कृष्ण कुमार पुनिया.
Photo Credit: NDTV Reporter

पर्यटन विभाग करेगा फर्जी रिसॉर्ट पर कार्रवाई

जैसलमेर पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक कृष्ण कुमार पुनिया ने NDTV राजस्थान से खास बातचीत में बताया कि जैसलमेर में ऐसे कई होटल व रिसॉर्ट चल रहे हैं जिनका वास्तविकता में कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिससे यहां घूमने आने वाले सैलानियों को परेशानी का सामना करने के साथ ही धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ता है. इस संबंध में सभी होटल, कैंप व रिसॉर्ट संचालकों को सूचित किया गया है कि वे अपने होटल, कैंप व रिसॉर्ट की सूचना साधारण प्रार्थना पत्र पर तैयार कर गड़ीसर रोड़ स्थित पर्यटक स्वागत केंद्र में अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाएं. ताकि वास्तविक रूप से संचालित होटल्स, कैंप और रिसॉर्ट्स का बेहतरीन ढंग से भौतिक सत्यापन प्रमाण-पत्र जारी किया जा सके. बिना भौतिक सत्यापन प्रमाण पत्र के ऑनलाइन संचालित होटल, कैंप व रिसॉर्ट की ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.

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