Rajasthan: 'हम गरीबों को राशन देते हैं पर अब उनसे राशन लेने वाले हो गए हैं', हड़ताल पर बैठे राशन डीलर्स ने बयां किया दर्द

Ration Dealers Strike Impact: राशन डीलर्स का कहना है कि सरकार हमारी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है, जिसके चलते अब हमें मजबूरन हड़ताल करनी पड़ रही है. इस बार हम आर-पार की लड़ाई के मूंड में हैं. जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी.

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Rajasthan News: हमारी स्थिति यह है कि हमारा घर चलना मुश्किल हो गया है. हम गरीबों को राशन तो बांटा करते हैं, पर अब हमारी स्थिति उनसे राशन मांगने की हो गई है. यह दर्द चूरू जिले के राशन डीलरों का है, जिसे उन्होंने मंगलवार को मीडिया के समक्ष जाहिर किया है. उनके अनुसार, कुछ ऐसा ही हाल पूरे प्रदेश के राशन डीलरो का है. माह की पहली, दूसरी और तीसरी तारीख पर जिन उचित मूल्य की दुकानों पर भारी भीड़ नजर आती है. आर्थिक रूप से निचले स्तर के परिवार यहां से अपना राशन लेकर जाते हैं. लेकिन इन दिनों सबको राशन देने वाले राशन डीलर खुद अपना घर चलाने में विवश नजर आ रहे हैं. 

'दूध के पैसे तक नहीं बचे हैं'

राशन डीलर मदनलाल मिश्रा ने एनडीटीवी पर बताया, 'हम हमारे घर का चूल्हा नहीं जला पर रहे हैं. बच्चों की फीस तो छोड़िए दूध के पैसे तक हमारे पास नहीं हैं. मगर, हमारी स्थिति के बारे बार-बार अवगत करने के बावजूद भी राजस्थान सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही.' दरअसल, प्रदेशव्यापी आह्वान पर अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर राशन डीलर हड़ताल पर हैं, जिस वजह से क्षेत्र की सभी उचित मूल्य की दुकानों पर ताले लटक रहे हैं. गरीब परिवारों को मिलने वाला फ्री राशन रुक गया है. आज हड़ताल का छठा दिन है और राशन डीलर्स कलेक्टर व एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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ये हैं राशन डीलर्स की 4 मांगे

संगठन के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विक्रम सिंह राठौड़ ने बताया कि लंबे समय से राशन विक्रेताओं को प्रतिमाह 30 हजार रुपये निश्चित करने, गेहूं पर 2 प्रतिशत छीजत देने, राशन विक्रेता का केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले बकाया कमीशन देने, ई-केवाईसी का सीडिंग का मेहनताना दिए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार हमारी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है, जिसके चलते अब हमें मजबूरन हड़ताल करनी पड़ रही है. इस बार हम आर-पार की लड़ाई के मूंड में हैं. जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी.

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डीलर की मौत पर जताया रोष

इस आंदोलन में शामिल बारां जिले के राशन डीलर रामेश्वरलाल मीणा का निधन हो चुका है. राशन डीलर्स की मांग को नजरअंदाज करते हुए सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और मांगों के विपरित प्रशासन द्वारा उचित मूल्य दुकानदारों के स्थान पर जीएसएस एवं अन्य संगठनों के द्वारा राशन वितरण करने के आदेश जारी किए गए हैं. इन आदेशों के चलते हमारे एक उचित मूल्य के दुकानदार रामेश्वरलाल मीणा निवासी मांगरोल जिला बारां की मानसिक आघात लगने से मौत हो गई. राठौड़ ने कहा कि राशन डिलरों की मांगों के साथ साथ शहीद रामेश्वरलाल मीणा के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए अन्यथा आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

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