Rajasthan: पत्नी ने किया झूठा केस! UPSC एस्पिरेंट ने IPC धारा के नाम पर खोल ली चाय की टपरी

NDTV Rajasthan Ground Report: राजस्थान के बारां जिले में इन दिनों '498A टी कैफे' काफी चर्चाओं में है. यहां एक शख्स हाथों में हथकड़ी लगाकर चाय बना रहा है.

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राजस्थान के बारां जिले में केके धाकड़ की चाय की टपरी उसके नाम की वजह से काफी चर्चाओं में है.

Rajasthan News: 'मैं तुम्हें सबक सिखा दूंगी… अब जेल की हवा खाओगे!' ऐसे डायलॉग आमतौर पर फिल्मी लाइफ में सुनने को ही मिलते हैं. मगर कभी-कभी यह डायलॉग वास्तविक जिंदगी में भी सुनने को मिल जाएं तो बात अनोखी होती है. यह डायलॉग तब और डरावना हो जाता है जब इसका प्रयोग दहेज प्रताड़ना या घरेलू हिंसा के केस में फंसाने की धमकी के लिए दिया जाता हो. 

UPSC की तैयारी छोड़कर खोली चाय की टपरी

आज हम आपको एक ऐसे ही एक मामले से रूबरू कराने जा रहे हैं, जहां मध्य प्रदेश के नीमच जिले के अठाना कस्बे के रहने वाले कृष्ण कुमार धाकड़ को अपनी UPSC की तैयारी छोड़ कर राजस्थान के बारां जिले के अंता में एक चाय की दुकान लगानी पड़ी है. यह दुकान महज चाय बेचने या कमाई करने का उद्देश्य नहीं, बल्कि इसके पीछे केके धाकड़ के जीवन में घटित पूरी कहानी छिपी है, जिसकी वजह से उसे ऐसा कदम उठाना पड़ा.

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बारां में आईपीसी की धारा के नाम पर खुली चाय की टपरी.
Photo Credit: NDTV Reporter

IPC की धारा के नाम पर रखा टपरी का नाम

केके धाकड़ ने अपनी चाय की दुकान का नाम IPC की धारा 498A के नाम पर "498A टी कैफे" रखा है.  चाय की टपरी पर लगे बैनर और होर्डिंग में उसने नारा लिखकर न्याय की गुहार लगाई है. इस पर लिखा गया है 'जब तक नहीं मिलता न्याय, तब तक उबलती रहेगी चाय'. तो कही लिखा है  'आओ चाय पर करें चर्चा.. 125 में कितना देना पड़ेगा खर्चा.' 

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हाथों में हथकड़ी पहनकर बना रहे चाय

बात महज इन होर्डिंग और बैनर तक ही खत्म नहीं होती. केके धाकड़ ने अपनी प्रताड़ना को जग जाहिर करने के लिए चाय की दुकान पर वरमाला और एक दूल्हे का सेहरा भी सजा रखा है. साथ ही हाथों में हथकड़ी पहनकर चाय बना रहे हैं, जिसमें वह कहीं न कहीं पत्नी की प्रताड़ना और दहेज के झूठे प्रकरण में न्याय मांगते दिख रहे हैं.

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हाथों में हथकड़ी लगाकर बारां में चाय बना रहे कृष्ण कुमार धाकड़.
Photo Credit: NDTV Reporter

यह है पूरा मामला?

मध्य प्रदेश के नीमच जिले की जावद तहसील के अठाना नगर के रहने वाले कृष्ण कुमार धाकड़ का विवाह 6 जुलाई 2018 में राजस्थान के बारां जिले के अंता की रहने वाली युवती (मीनाक्षी धाकड़) से हुआ था. साल 2019 में केके धाकड़ ने पत्नी संग अंता से मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग ली. पति-पत्नी ने अठाना क्षेत्र से ही मधुमक्खी पालन का कार्य शुरू किया था, जिसके बाद धीरे-धीरे कारोबार बढ़ने लगा और कई बेरोजगार महिलाओं को भी केके धाकड़ और उनकी पत्नी ने रोजगार देना आरंभ किया.

सीएम ने की थी तारीफ

8 अप्रैल 2021 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में पहली बार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाले इस कार्य की सराहना करते हुए, धाकड़ दंपत्ति द्वारा संचालित मधुमक्खी पालन के कारोबार का शुभारंभ किया था. करीब 1 साल में मधुमक्खी पालन के व्यापार ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि दूर-दूर तक उनके शहद की डिमांड होने लगी, लेकिन केके धाकड़ की जिंदगी में साल 2022 में एक ऐसा मोड़ आया जहां से उनकी बर्बादी शुरू होने लगी.

नीमच में मधुमक्खी पालन बिजनेस के लिए पति को श्रेय देती हुईं केके धाकड़ की पत्नी मीनाक्षी का पुराना वीडियो.
Photo Credit: NDTV Reporter

रुठकर मायके चली गई पत्नी

अक्टूबर 2022 में केके धाकड़ की पत्नि अचानक रूठकर अपने मायके अंता चली गई और तभी से शहद का कारोबार ठप हो गया. कुछ माह बाद केके की पत्नि ने घरेलू हिंसा और देहज प्रताड़ना को लेकर आईपीसी की धारा 498ए और भरण पोषण की धारा 125 के तहत न्यायालय में प्रकरण दर्ज करवा दिया. मगर आरोप है कि इन झूठे प्रकरणों से प्रताड़ित होकर केके धाकड़ ने एक अनोखा कदम उठाते हुए अपने ससुराल में ही 498ए वाले बाबा के नाम से एक चाय की टपरी लगाई है.

'कई बार सोचा कि आत्महत्या कर लूं'

केके धाकड़ का कहना है कि आज के परिवेश में सब कुछ मॉर्डन हो गया है और इसी चकाचौंध में कई जीवन बर्बाद हो रहे हैं. हाल ही में मेरठ के सौरभ-मुस्कान का मामला ठंडा हुआ ही था कि इंदौर का एक और सनसनीखेज मामला उजागर हो गया. इंदौर की नई नवेली दुल्हन, जिसका नाम सोनम बताया जा रहा है, उसने अपने चंद दिनों के प्यार और रुपयों के खातिर अपने ही पति राजा रघुवंशी की बेरहमी से हत्या कर दी. आज के जमाने में कई महिलाएं पुरुषों को डरा-धमका कर रखती हैं और कानून का सहारा लेकर उन्हें झूठे थाने व अदालती केसों में फंसा भी देती हैं.

बारां में 498A टी कैफे खोलने वाले केके धाकड़ ने NDTV से की खास बातचीत.
Photo Credit: NDTV Reporter

ऐसा ही मामला मेरे साथ हुआ है. झूठे केस में सब कुछ बर्बाद हो गया है. पिछले 3 सालों से झूठे केस में फंसकर राजस्थान के अंता जिले में न्याय के लिए दर-दर भटक रहा हूं. मेरी एक बूढ़ी मां है, जिसका मैं एक मात्र सहारा हूं. सब कुछ बर्बाद होने के बाद टीन शेड में जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है. महिला संबंधित प्रकरण एक ऐसा प्रकरण है, जहां मुझे मानसिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक प्रताड़ना भी झेलने को मजबूर होना पड़ता है. कई बार सोचा कि आत्महत्या कर लूं, मगर मां का ख्याल आ जाता है. बूढ़ी मां का मैं इकलौता सहारा हूं. पिता का पहले ही देहांत हो चुका है. मेरे पास मात्र दो बीघा पुश्तैनी जमीन है.

पत्नी द्वारा लगाए गए 498A के झूठे केस से प्रताड़ना झेल ही रहा हूं कि अब 125 की धारा डबल झेलना पड़ रही है. इसी प्रताड़ना से तंग आकर मैंने फैसला लिया है कि अब जहां कानून का दुरुपयोग कर मुझे फंसाने की साजिश रची गई है, उसी क्षेत्र में '498A टी कैफे' के नाम से चाय बेचकर कानून के साथ निष्पक्ष लड़ाई लड़ता रहुंगा, और इसलिए मैंने यह भी स्लोगन लिखा है कि 'जब तक नहीं मिलता न्याय, तब तक उबलती रहेगी चाय'.

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