NEET 2025: थ्रिलर से कम नहीं है नीट टॉपर महेश कुमार की परीक्षा की कहानी, पेपर देख चकरा गया था सिर

हनुमानगढ़ जिले के महेश कुमार ने नीट यूजी परीक्षा (NEET UG Exam 2025) में 700 में से 686 अंक हासिल कर ऑल इंडिया में पहला रैंक हासिल किया.

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NEET 2025 Topper Mahesh Kumar

NEET Result: इस वर्ष मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए हुई नीट यूजी परीक्षा में एक बार फिर राजस्थान का डंका बजा. हमेशा की तरह कोटा और सीकर का नाम सुर्खियों में आया. लेकिन सबसे बड़ा नाम हुआ महेश कुमार का जो पूरे देश में पहले नंबर पर आए. हनुमानगढ़ जिले के नोहर निवासी महेश कुमार 700 में से 686 अंक हासिल कर ऑल इंडिया टॉपर बने. महेश कुमार ने बताया है कि उन्हें एकदम उम्मीद नहीं थी कि वो टॉप कर जाएंगे. उन्होंने ये भी बताया कि परीक्षा के दौरान उनके साथ क्या हुआ था.

महेश कुमार ने बताया कि 4 मई को उन्होंने सीकर के श्रीमाधोपुर सेंटर पर दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक नीट की परीक्षा दी थी. लेकिन उन्होंने जो सोचा था उससे कहीं अधिक मुश्किल सवाल आ गए. महेश ने एक वीडियो में बताया कि उनकी आदत रही है कि वो परीक्षा में सबसे पहले फ़िज़िक्स के सवाल हल करते हैं. लेकिन वो शुरुआत में ही अटक गए.

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पहले ही सवाल में अटके

महेश ने बताया, "पहला सवाल सरफ़ेस टेंशन का था, और मुझे लगा कि पूरी परीक्षा में सबसे कठिन वही सवाल था. पहले ही सवाल में 2 से 3 मिनट लग गए और वो सवाल हल हो भी नहीं पा रहा था. उसके बाद मैंने 15-16 सवाल अटेम्प्ट किए जिसमें से मैं मुश्किल से 6 से 7 सवाल बना पाया. इसमें मेरे 20-25 मिनट लग गए. ऐसे में किसी का भी कॉन्फिडेंस टूट जाता. लेकिन फिर मैंने अपने शिक्षकों को याद किया जिससे मुझे हौसला मिला."

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" पहले ही सवाल में 2 से 3 मिनट लग गए और वो सवाल हल हो भी नहीं पा रहा था. उसके बाद मैंने 15-16 सवाल अटेम्प्ट किए जिसमें से मैं मुश्किल से 6 से 7 सवाल बना पाया. "

महेश ने इसके बाद फ़िज़िक्स का पेपर बंद कर दिया. वो बताते हैं,"मुझे सर की एक बात याद आई कि अगर किसी परीक्षा में एक पेपर मुश्किल हो तो बाकी विषयों के पेपर आसान होते हैं. तो मैंने केमिस्ट्री का पेपर उठाया जो मुश्किल था लेकिन फ़िज़िक्स जितना नहीं था. मैंने फिर बायोलॉजी का पेपर बहुत जल्दी कर लिया और जल्दीबाज़ी में एक-दो ग़लतियां भी हो गईं."

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"कॉन्फ़िडेंस बनाए रखना सबसे ज़रूरी"

महेश ने बताया कि केमिस्ट्री और बायोलॉजी का पेपर हल करने के बाद उनके पास सवा घंटे का समय बचा था. उन्होंने कहा,"पहले के 15 सवाल तो मैं देख ही चुका था. तो इस बार मैंने अंतिम सवाल से हल करना शुरू किया और 45 वां सवाल उठाया. और फिर मुझसे 20 सवाल आराम से बन गए. इससे मेरा कॉन्फ़िडेंस ठीक होने लगा. मैंने दोबारा सवालों पर समय दिया और आखिर में मैंने सिर्फ़ वही पहला सवाल छोड़ा और बाकी सारे सवाल अटेम्प्ट किए."

महेश परिणाम आने के बाद अपने अनुभव से सबको सीख लेने की बात करते हुए कहते हैं,"परीक्षा में कॉन्फ़िडेंस को बनाए रखना बहुत ज़रूरी है. शुरू के 20-25 मिनट गंवाने के बाद भी मैंने हिम्मत नहीं हारी और सोचा कि अगर ये मुश्किल पेपर है तो ये सबके लिए ही मुश्किल होगा."

बाद में पता चला कि नीट परीक्षा में इस बार फ़िज़िक्स में पिछले 4-5 वर्षों में पहली बार इतने कठिन सवाल पूछे गए थे. इनमें भी फ़िज़िक्स का पेपर सबसे कठिन था.

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