मिसालः नीतू किन्नर ने फिर करवाई 10 गरीब बेटियों की शादी, अभी तक 130 बेटियों का बसा चुकी हैं घर

नीतू किन्नर द्वारा आयोजित विवाह सम्मेलन की सबसे खास बात यह है कि एक ही विवाह मंडप में वैदिक मंत्र और निकाह की आयतें गूंजती हैं.

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सामूहिक विवाह और निकाह एक ही मंडप के नीचे

Rajasthan Mass Marriage Program: समाज में किन्नर को अक्सर हीन भावना से देखा जाता है. लेकिन राजस्थान के भरतपुर में ऐसी ही एक किन्नर नीतू मौसी है. जो हर साल गरीब बेटियों की शादी करवाती हैं. शादी का पूरा खर्च वह स्वयं वहन करती है. एक ही पंडाल के नीचे हिंदू-मुस्लिम की बेटियों की शादी करवाकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. नीतू मौसी हरवर्ष 10 गरीब कन्याओं की शादी करवाती है, जिन्होंने 13 वर्षों में 130 गरीब हिंदू -मुस्लिम बेटियों की शादी करवाई हैं.

नीतू साल भर में जो भी जजमानों के घर से बधाई मिलती है उसका 80% गरीब कन्याओं की शादी में खर्च कर देती है. कन्या भ्रूण हत्या को लेकर उन्होंने कहा कि लोगों को बेटियों को जन्म देकर पालन पोषण करना चाहिए, जिससे प्रकृति का संतुलन बना रहे.

13 साल से कर रही सामूहिक विवाह का आयोजन 

नीतू किन्नर मौसी ने बताया कि 13 साल से गरीब कन्याओं की शादी करा रही है. हर साल 10 बेटियों की शादी कराती हैं और उसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों बेटियों को शामिल करती है. इस बार उन्होंने 10 में से 8 हिन्दू और दो मुस्लिम समाज की बेटी है. साल भर से जो भी जजमानों के घर से बधाई आती है उसका सिर्फ 20% अपने पास रखती हैं, बाकि इन गरीब कन्याओं की शादी में लगा देती हैं.

एक साथ गूंजती वैदिक मंत्र और निकाह की आयतें 

कन्या को 5 तोला सोना, चांदी की बिछिया, तोड़िया, हाथ की घड़ी, फ्रिज, कूलर बेड सहित 51 बर्तन के साथ गृहस्थी का पूरा सामान दिया जाता है. विवाह सम्मेलन की सबसे खास बात यह है कि एक ही विवाह मंडप में वैदिक मंत्र और निकाह की आयतें गूंजती हैं.

कुदरत का संतुलन बनाने की कही बात

किन्नर नीतू ने समाज को संदेश देते हुए कहा कि कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता दिल की धारणा होनी चाहिए सब पूरी होती है. समाज में लड़कियों की शिक्षा पर जोर देकर कन्या भ्रूणहत्या पर रोक लगाने का काम करना चाहिए. क्योंकि औरत जननी हैं और जो भूणहत्या की जा रही है, इसी की ही गलती है जो 40 साल की उम्र होने के बाद भी शादी नहीं हो रही. बेटी को जन्म देना चाहिए और अच्छे से पालन पोषण करना चाहिए, जिससे कुदरत का संतुलन न बिगड़े.

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शहर के लोग बढ़-चढकर लेते है हिस्सा

किन्नर नीतू ने बताया कि वह जजमानों के घर बधाई लेने जाती थी, तब देखती थी कि कुछ परिवार ऐसे है जबकि बेटी शादी के लायक है लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते शादी नहीं हो पा रही. ऐसे परिवार की बेटियों की शादी की जिम्मेदारी उठा ली और 13 साल पहले से यह कार्य शुरू किया. इस कार्य में शहर के लोग बढ़-चढ़ कर भाग लेते है.

गरीब कन्याओं की शादी कराने को लेकर 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में किन्नर नीतू मौसी सम्मानित हो चुकी हैं.

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