न खाने के लिए राशन मिल रहा, न पीने के लिए पानी; खाप पंचायत के तुगलकी फरमान से राजस्थान शर्मसार

राजस्थान के इस गांव में खाप पंचायत का तुगलकी फरमान, एक गरीब परिवार का जुर्माना न देने पर सामाजिक बहिष्कार कर दिया. जिसके बाद परिवार को ना कोई व्यापारी सामान दे रहा, ना कोई पानी भरने दे रहा और तो और कोई इन्हें मजदूरी पर भी नहीं ले जा रहा.  

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फाइल फोटो

Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट ने भले ही खाप पंचायत को अवैध घोषित कर दिया हो, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी खाप पंचायत अपने फैसले सुना रही है. ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत जगदीशपुरा के गांव करमपुरा का है. यहां खाप पंचायत ने चोरी के आरोप में एक परिवार को 3 फरवरी को एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई. जब परिवार ने खाप पंचायत को जुर्माना राशि जमा नहीं कराई तो समाज से बहिष्कृत करने का फरमान सुना दिया.

समाज से बहिष्कृत होने के बाद पीड़ित बत्ती लाल प्रजापत के परिवार का गांव में हुक्का पानी बंद है, कोई दुकान पर किराने का सामान नहीं देता है. सार्वजनिक टंकियों पर पानी भरने की भी इजाजत नहीं है. साथ ही कोई मजदूरी भी मिलनी बंद हो गई है. 

परेशान परिवार ने इस संबंध में नई मंडी हिंडौन सिटी थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज करवाई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. बत्तीलाल का परिवार कानूनी मदद के लिए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तर में चक्कर काट रहा है. पीड़ित परिवार ने अब इस संबंध में भरतपुर रेंज के आईजी से पूरे मामले में न्याय की गुहार लगाई है.

खाप ने जुर्माना न देने पर लगाए कड़े प्रतिबंध

पुलिस जांच में बेटे का नाम नहीं फिर भी खाप पंचायत ने उसे आरोपी ठहरा दिया. पीड़ित बत्तीलाल प्रजापत ने बताया कि कुछ लोगों ने उसके छोटे बेटे पर ट्रांसफार्मर चोरी करने का आरोप लगा दिया. इस संबंध में क्षेत्र के 4 गांवों की खाप पंचायत मंदिर पर एकत्र हुई और उसे दोषी करार देते हुए एक लाख रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई. परिवार को हुकुम दिया कि वह दोबारा पंचायत इकट्ठी कर जुर्माना राशि जमा कराएगा. पंचायत एकत्र करने के लिए उसने करौली एसपी से अनुमति मांगी, परंतु प्रशासनिक अनुमति नहीं मिली. 

उसके बाद दोबारा खाप पंचायत एकत्र हुई और जुर्माना जमा नहीं करने के कारण उसे सर्वसमाज से बहिष्कृत कर दिया. पीड़ित ने बताया कि खाप पंचायत में निर्णय देते हुए यह भी कहा कि गांव में कोई भी व्यक्ति बत्तीलाल प्रजापत के परिवार को मजदूरी पर ले जाएगा अथवा दुकान से सामान देगा तो उस व्यक्ति पर 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. खाप पंचायत के भय से लोग उसके परिवार को दुकानों पर सामान भी नहीं देते हैं.

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