Rajasthan News: साल 2023 में जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Jaipur International Airport) ने कुल यात्री संख्या और कनेक्टिविटी, दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव किया है. जयपुर एयरपोर्ट प्रतिदिन 116 से अधिक फ्लाइट मूवमेंट्स (अर्रिवाल + डिपार्चर) का प्रबंधन करता है और पूरे भारत के 19 शहरों और 6 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए सीधी उड़ानें प्रदान करता है. किसी भी आपात स्थिति के दौरान निर्बाध परिचालन बनाए रखने के लिए, एयरपोर्ट ने एक बैक-अप एयरपोर्ट ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (AOCC) स्थापित किया है. एयर साइड में स्थित यह नया बैक-अप एओसीसी प्राथमिक एओसीसी की सभी तकनीकी कार्यक्षमताओं को संभालने के लिए पूरी तरह सुसज्जित है.
बिल्डिंग खाली करते वक्त जरूरत
एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'किसी भी प्रमुख हवाई अड्डे के लिए कम से कम दो ऑपरेशन नियंत्रण केंद्र आदर्श होते हैं. किसी आपातकालीन स्थिति में जब टर्मिनल बिल्डिंग खाली करने की आवश्यकता होती है तब बैक-अप एओसीसी आवश्यक सहायता प्रदान करता है, और ये सुनिश्चित करता है कि एयर ऑपरेशन्स तथा अन्य गतिविधियां सामान्य रूप से जारी रहें. एओसीसी किसी भी एयरपोर्ट पर एयर ऑपरेशन्स के प्रबंधन और संचालन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा ये एयर ऑपरेशन्स की कुशल क्रियान्वति का मुख्या केंद्र है.
हाई लेवल टेक्नोलॉजी से सुसज्जित
एओसीसी आम तौर पर हवाई अड्डे के संचालन का वास्तविक समय दृश्य प्रदान करने के लिए हवाई यातायात नियंत्रण, बैगेज हैंडलिंग और सुरक्षा कैमरों जैसे विभिन्न हवाई अड्डे प्रणालियों और सेंसर के साथ एकीकृत होती है. सामान्य संचालन के दौरान, एओसीसी संसाधन आवंटन की देखरेख करता है, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के साथ समन्वय करता है, और संकट स्थितियों का प्रबंधन करता है. यह आप्रवासन, सीमा शुल्क, सीआईएसएफ, एयरलाइंस और विभिन्न आंतरिक विभागों के साथ समन्वय की सुविधा भी प्रदान करता है. दोनों एओसीसी सेटअप हाई लेवल टेक्नोलॉजी और हाई स्पीड कनेक्टिविटी से सुसज्जित हैं जो निर्बाध एयर ऑपरेशन्स सुनिश्चित करता है.
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