'पहला बेटा था, लापरवाही ने जिंदगी छीन ली', टीकाकरण के बाद नवजात की मौत; चाकसू अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

जयपुरा निवासी रमेश प्रजापति ने रोते हुए NDTV राजस्थान को बताया कि उनके छोटे भाई के घर तीन बेटियों के बाद यह पहला बेटा हुआ था, जिससे पूरा परिवार बेहद खुश था. लेकिन अलार्मिंग स्थिति के बाद भी डॉक्टर्स ने उसके इलाज में देरी कर दी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
लापरवाही की हदें पार! घंटों तक नहीं मिला डॉक्टर, नवजात ने तोड़ा दम; चाकसू अस्पताल में हंगामा
NDTV Reporter

Rajasthan News: जयपुर ग्रामीण के चाकसू स्थित राजकीय उपजिला अस्पताल में एक नवजात शिशु की मौत के बाद सोमवार रात माहौल तनावपूर्ण हो गया. सदमे में डूबे परिजनों ने अस्पताल स्टाफ और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए. उनका कहना है कि यदि शिशु को समय पर मेडिकल ऐड मिल जाता, तो शायद उनके घर की पहली खुशी (पहला पुत्र) छीनी नहीं जाती. नवजात की मौत के बाद अस्पताल परिसर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और परिजन इकट्ठा हो गए, जिन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

'घंटों इंतजार के बाद भी देखने नहीं आए डॉक्टर'

Photo Credit: NDTV Reporter

जयपुरा निवासी रमेश प्रजापति ने रोते हुए NDTV राजस्थान को बताया कि उनके छोटे भाई के घर तीन बेटियों के बाद यह पहला बेटा हुआ था, जिससे पूरा परिवार बेहद खुश था. नॉर्मल डिलीवरी के बाद शिशु पूरी तरह से स्वस्थ था. परिजनों का दावा है कि शिशु को नियमित टीकाकरण दिए जाने के तुरंत बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. उसे अचानक तेज बुखार आया और उल्टियां होने लगीं. यह स्थिति अलार्मिंग थी. रमेश प्रजापति ने कहा, 'हमने बार-बार ड्यूटी पर तैनात स्टाफ और डॉक्टरों को बुलाने की कोशिश की, मगर कोई भी तुरंत देखने नहीं आया. हम घंटों तक इंतजार करते रहे और मदद की गुहार लगाते रहे. मगर शाम होते-होते बच्चे की हालत इतनी बिगड़ गई कि उसने दम तोड़ दिया.'

अस्पताल प्रशासन का आरोपों से इनकार, जांच शुरू

Photo Credit: NDTV Reporter

मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने तत्काल कदम उठाए हैं, लेकिन अपनी ओर से लापरवाही से साफ इनकार किया है. अस्पताल प्रभारी पीएमओ डॉ. रितुराज मीणा ने बताया कि नवजात शिशु की देखभाल सुबह डॉ. हरिमोहन मीणा ने की थी. आगे की शिफ्ट में डॉ. रेखा शर्मा और डॉ. नेहा चाहर ड्यूटी पर थीं. पीएमओ ने पुष्टि की कि तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद परिजनों की ओर से अभी तक कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए आंतरिक जांच शुरू कर दी है. डॉ. मीणा ने कहा, 'हम सभी संबंधित डॉक्टरों और स्टाफ से घटनाक्रम की पूरी जानकारी इकट्ठी कर रहे हैं. नवजात की मौत क्यों हुई, इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो पाएगी. यदि किसी स्तर पर लापरवाही सामने आती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

ये भी पढ़ें:- PM मोदी से मिलेंगे CM भजनलाल! रिफाइनरी और राजस्थान के लिए क्या है दिल्ली का 'सीक्रेट प्लान'?

Advertisement

LIVE TV देखें