Rajasthan: जालोर में 3 दिसंबर 2024 को दुष्कर्म के प्रयास की घटना हुई थी. पीड़ित की मां ने बागोड़ा थाने में मामला दर्ज कराने पहुंची. लेकिन, मामला दर्ज नहीं हुआ. इस पर वह 27 दिसंबर को जालोर एसपी के सामने पेश होकर शिकायत की. एसपी ऑफिस से केस दर्ज करने के लिए बागोड़ा थाने भेजा गया, इसके बाद भी मामला दर्ज नहीं किया गया. ऐसे में पीड़ित ने 4 जनवरी को कोर्ट की शरण लेकर परिवाद पेश किया. 7 जनवरी को कोर्ट ने आदेश जारी करने से पहले एसपी से तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए आदेश जारी किया, जिसके बाद थानाधिकारी ने 10 जनवरी को मामले में एफआईआर दर्ज की. पॉक्सो कोर्ट ने इसे लापरवाही मानते हुए थानाधिकारी अरुण कुमार को आरोपी बनाया और समन पेश किया.
मामला दर्ज नहीं करना गंभीर अपराध
न्यायाधीश भूपेंद्र कुमार सनाढ्य ने घटना के 38 दिन बाद भी मामला दर्ज नहीं करने को गंभीर अपराध मानते हुए थानाधिकारी अरुण कुमार को आरोपी बनाया है. कोर्ट ने कहा थाने में मामला दर्ज नहीं होने पर पीड़िता ने एसपी के सामने शिकायत पेश की. यहां से शिकायत बागोड़ा थाने में भेजने के बाद भी मामला दर्ज नहीं किया गया, जबकि सबूतों के आधार पर घटना साबित होती है. थानाधिकारी की ओर से इस तरह मामला दर्ज नहीं करना गंभीर अपराध है. ऐसे में प्रसंज्ञान लेकर जज ने थानाधिकारी अरुण कुमार को आरोपी बनाकर समन दिया. 27 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए.
रास्ता रोककर दुष्कर्म का किया था प्रयास
नाबालिग पीड़िता का पिता और उसके साथी नशा करते थे. पीड़िता की मां ने उनको ऐसा करने से रोका तो उन्होंने उसके साथ मारपीट की थी. इस पर उसने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. इस पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
किशोरी के पिता के साथियों पर रेप की कोशिश का आरोप
3 दिसंबर 2024 को आरोपी जमानत पर जेल से छूटकर आए और घर जाकर नाबालिग पीड़िता की मां के साथ मारपीट की थी. उस समय नाबालिग किराना की दुकान पर सामान लेने गई थी. पिता के साथियों ने रास्ते में उसे रोका और उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया. नाबालिग के चिल्लाने पर उसकी मां दौड़कर गई और उसे बचाया. इसके बाद नाबालिग की मां उसे लेकर थाने पहुंची और रिपोर्ट दी, लेकिन थानाधिकारी ने मामला दर्ज नहीं किया. कई बार थाने के चक्कर लगाने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज ही नहीं किया. आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई और वह पीड़ित को धमकाने लगे. आरोपी नाबालिग के स्कूल जाते समय उसे परेशान करने लगे. इस पर पीड़िता की मां ने 27 दिसंबर को जालोर एसपी को शिकायत दी. इसके बाद भी मामला दर्ज नहीं होने पर पीड़िता ने 4 जनवरी को कोर्ट की शरण ली.
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