राजस्थान को मिलेगा अब हरियाणा से भी पानी, सीएम भजन लाल और सीएम मनोहर लाल में हुआ समझौता

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में यमुना के अतिरिक्त पानी को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के बीच समझौता हुआ.

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राजस्थान और हरियाणा के बीच यमुना जल समझौता

Yamuna Water For Rajasthan: राजस्थान को अब हरियाणा में बारिश के दिनों में यमुना का अतिरिक्त पानी मिलेगा. इसके लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के बीच समझौता हुआ. इस समझौते की मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की. इस समझौते के मुताबिक यमुना का यह पानी राजस्थान को दक्षिण हरियाणा की तरफ से दिया जाएगा. वहीं, राजस्थान इस पानी का स्टोरेज करेगा जिसका इस्तेमाल पीने के पानी के रूप में किया जा सकेगा.

समझौते के बारे में बताया गया कि हरियाणा यमुना से दिल्ली को उसके हिस्से का पानी पहले की समझौते और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार देता रहेगा. इसमें किसी तरह की कटौती नहीं होगी.

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राजस्थान में पानी की कमी को पूरा करने के लिए हरियाणा से यह समझौता किया गया है. केंद्र के बाद हरियाणा और अब राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सीएम भजन लाल शर्मा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के माध्यम से यह प्रस्ताव किया गया था.

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झंझुनू, सीकर और चुरू को मिलेगा फायदा

चुरू, सीकर, झुंझुनू और राजस्थान के अन्य जिलों के क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति और अन्य जरूरतों को सुनिश्चित करने के लिए यमुना जल की आपूर्ति बहुत आवश्यक मानी जाती है. यमुना जल समझौते से इन जिलों में पानी की आपूति पूरी होगी. इसके लिए विस्तृत डीपीआर बनाई जाएगी.

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परियोजना के चरण-1 के तहत हथिनीकुंड में दिल्ली के हिस्से सहित हरियाणा द्वारा पश्चिमी यमुना नहर की पूरी क्षमता (24,000 क्यूसेक) के उपयोग के बाद दोनों राज्य चार महीने की अवधि के भीतर डीपीआर की तैयारी और अंतिम रूप देने में पूरा सहयोग देंगे. सीडब्ल्यूसी/यूवाईआरबी, जहां भी आवश्यक हो, तकनीकी सहायता प्रदान करेगा.

इस समझौते को लेकर जल शक्ति मंत्री ने हरियाणा और राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्रियों को बधाई दी और उनकी सहयोगात्मक भावना के लिए उनकी सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप दो दशकों से लंबित मुद्दे का समाधान हो सका. जल शक्ति मंत्री ने यह भी कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है जो चूरू, सीकर, झुंझुनू और राजस्थान के अन्य जिलों की महत्वपूर्ण पेयजल और अन्य जरूरतों को प्रदान करने के लिए परियोजना के कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त होगा.

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