अब कागजों के आंकड़ों से नहीं, धरातल पर लगाएं पौधों की मॉनेटरिंग से राज उगलेगी 'ऐप'

जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने एनडीटीवी को बताया कि इस बार चित्तौड़गढ़ जिले में 11 लाख 83 हजार पौधे लगाने के लिए स्पेशल नवाचार किया जा रहा है. इस बार पौधे लगाने से लेकर उसकी हर 3 माह में मॉनेटरिंग ऐप के माध्यम से की जा सकेगी.

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Rajasthan News: राजस्थान में हर साल बरसात में लाखों पौधे लगाए जाते हैं. इनमें कितने जीवित रहते हैं, और कितने खराब हो जाते हैं, इसका कोई हिसाब नहीं रह पाता. कई बार विभागों को पौधरोपण का टारगेट दिया जाता हैं, लेकिन कितने पौधे लगाएं गए इसकी सटीक जानकारी नहीं हो पाती. लेकिन अब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किए गए पौधरोपण की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो पाएगी कि कब पौधा रोपा, किस जगह पर रोपाई हुई और वो अब किस कंडीशन में पौधा हैं. 

राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा इस बार मुख्यमंत्री पौधरोपण महोत्सव को लेकर प्रदेशभर में एक अभियान चला रहे हैं. इसी अभियान को लेकर चित्तौड़गढ़ जिले में 11 लाख 83 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पौधे लगाने से पहले चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर आलोक रंजन व उनकी टीम द्वारा इस क्षेत्र में एक नया नवाचार शुरू किया गया है. संभवत: प्रदेश का यह पहला मामला होगा जब कोई ऐप पौधे की निगरानी करेगी और उसके आकंड़े उगलेगी. 

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जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने एनडीटीवी को बताया कि इस बार चित्तौड़गढ़ जिले में 11 लाख 83 हजार पौधे लगाने के लिए स्पेशल नवाचार किया जा रहा है. इस बार पौधे लगाने से लेकर उसकी हर 3 माह में मॉनेटरिंग ऐप के माध्यम से की जा सकेगी. पौधरोपण के इस लक्ष्य को अर्जित करने के लिए सरकारी विभागों समेत आमजन को इस माह अभियान में शामिल किया जा रहा है. सरकारी स्कूलों, पुलिस थानों, ग्राम पंचायत की जमीन में भी इस बार बम्पर पौधरोपण किया जाएगा. पौधरोपण के बाद जिओ टैग करके ऐप में फोटो सबमिट करने पर स्वतः ही जिला प्रशासन की ओर से एक सर्टिफिकेट पौधरोपण कर्ता को मिल जाएगा. इस माह अभियान में महानरेगा के श्रमिकों को भी जोड़ा गया है.

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एनआईसी इंचार्ज अशोक कुमार लोढ़ा ने बताया कि पौधरोपण की मॉनेटरिंग के लिए हरित चित्तौड़ एप्प बनाई गई, जिसके माध्यम से पौधा कब लगाया, कहा लगाया और उसकी स्थिति क्या है, ये सब अब ऑनलाइन जिओ टैगिंग के माध्यम से ऐप से ट्रैक किया जाएगा. इस ऐप को आमजन के लिए भी खोला गया है. गूगल प्ले स्टोर से ऐप को डाउनलोड करने के बाद यूजर उसको अपनी जानकारी के साथ मोबाइल नंबर से ओटीपी बेस लॉगिन करेगा. मोबाइल की लोकेशन ऑन करने के बाद पौधरोपण करने वाले अधिकारी, कर्मचारी या आमजन फोटो को ऑन द स्पॉट जिओ टैग से अपलोड कर सकेगा. 

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फोटो गैलरी से पौधे का फोटो अपलोड करने की व्यवस्था नहीं होगी. पौधे का जिओ टैग करने के बाद पौधे लगाने वाले व्यक्ति अथवा विभाग को ऑनलाइन ही पौधरोपण के बाद एक सर्टिफिकेट भी मिले जाएगा. व्यक्ति जब चाहे वह ऐप से अपना पिछले रिकॉर्ड देख सकेगा कि उसने कब, कहां पर क्या पौधा लगाया है. इस दौरान पौधा किस जगह पर लगाया गया और उसकी लोकेशन क्या है. उसकी मॉनेटरिंग ऐप से हो सकेगी. इसको लेकर जिला स्तरीय एक कार्यशाला का आयोजन किया गया और विभागवार लगाएं जाने वाले पौधे को ऑनलाइन अपडेट करने को लेकर निर्देशित किया गया. 

इस ऐप की लॉन्चिंग के बाद अब कागजों में आंकड़े के साथ साथ धरातल पर पौधे की वास्तविक स्थिति की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगी. यही नहीं ऐप से क्षेत्र वार वन विभाग की नर्सरी और प्राइवेट नर्सरी को भी जोड़ा गया है. जहां से कोई भी व्यक्ति पौधे के अनुसार उसका भुगतान कर नर्सरी से पौधे की डिलेवरी ले सकेगा.