Rajasthan: SMS अस्पताल के बाहर नर्सिंग कर्मियों का हल्ला बोल, सीएम को खून से पत्र लिख की ये मांग

Rajasthan News: सोमवार को प्रदेश भर से आए सैकड़ों नर्सिंग कर्मियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. आंदोलन का स्वरूप उस समय और भी भावुक और गंभीर हो गया.

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नर्सिंग कर्मियों का खून से लिखा पत्र

Jaipur News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक बार फिर आंदोलन की गूंज सुनाई दी है. सवाई मान सिंह (SMS) मेडिकल कॉलेज के बाहर सोमवार को प्रदेश भर से आए सैकड़ों नर्सिंग कर्मियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. आंदोलन का स्वरूप उस समय और भी भावुक और गंभीर हो गया, जब नर्सिंग कर्मियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री के नाम अपने खून से पत्र लिखकर अपना दर्द बयां किया.

नियमितीकरण नहीं तो चैन नहीं

नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि वे सालों से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे एनआरएचएम (NRHM), यूटीबी (UTB), एनएचएम (NHM), और 108 एम्बुलेंस सेवा के तहत अल्प मानदेय पर काम कर रहे हैं. लंबे समय से सेवा देने के बावजूद उन्हें नियमित नहीं किया गया है, जिसे उन्होंने अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है.

नियमितीकरण नहीं तो चैन नहीं

नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि वे सालों से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे एनआरएचएम (NRHM), यूटीबी (UTB), एनएचएम (NHM), और 108 एम्बुलेंस सेवा के तहत अल्प मानदेय पर काम कर रहे हैं. लंबे समय से सेवा देने के बावजूद उन्हें नियमित नहीं किया गया है, जिसे उन्होंने अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है.

 बोनस अंक और नई भर्ती

प्रदर्शनकारियों ने सरकार के सामने स्पष्ट मांगें रखी हैं जिसमें नर्सिंग ऑफिसर के 12,000 और महिला स्वास्थ्यकर्ता (ANM) के 5,000 पदों पर तत्काल भर्ती विज्ञप्ति जारी की जाए. भर्ती प्रक्रिया 10, 20, 30 बोनस अंक और मेरिट बेस पर आधारित हो, ताकि वर्षों से सेवा दे रहे संविदा कर्मियों को इसका उचित लाभ मिल सके.

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ठेका प्रथा को बताया बंधुआ मजदूरी

नर्सिंग नेताओं ने वर्तमान में चल रही ठेका प्रथा पर कड़ा प्रहार किया.उन्होंने कहा कि ठेके पर भर्ती के जरिए बेरोजगार नर्सों का शोषण किया जा रहा है और उन्हें नाममात्र का वेतन दिया जा रहा है, जो किसी बंधुआ मजदूरी से कम नहीं है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार ने चुनाव से पहले नियमित करने का जो वादा किया था, वह अब तक अधूरा है.

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