अध‍िकारी ने र‍िश्‍वत लेने का न‍िकाला नया आईड‍िया, पत्‍नी को भी बनाया घूस पार्टनर

रिश्वत के बदले अधिकारी ने अपनी पत्नी को सैलरी दिवलाई. पत्‍नी के खाते में हर महीने 1.60 लाख आते थे. एसीबी की जांच में खुलासा हुआ.

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सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में राजकॉम्प के ज्वाइंट डायरेक्टर प्रद्युमन दीक्षित ने अपनी पत्नी पूनम दीक्षित के नाम पर 2 निजी कंपनियों से करीब 37.54 लाख रुपए का भुगतान करवाया.

जयपुर एंटी करप्शन ब्यूरो में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक अधिकारी ने रिश्वत लेने के बदले अपनी पत्नी को हर महीने में 1.60 लाख रुपये सैलरी द‍िलवाई. एसीबी में कोर्ट के आदेश के बाद मुक़दमा दर्ज हुआ है. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में राजकॉम्प के ज्वाइंट डायरेक्टर प्रद्युमन दीक्षित ने अपनी पत्नी पूनम दीक्षित के नाम पर 2 निजी कंपनियों से करीब 37.54 लाख रुपए का भुगतान करवाया.

21 महीनों में 37.54 लाख जमा करवाए 

पूनम दीक्षित के 5 अलग-अलग खातों में 21 महीनों में 37 लाख 54 हजाार रुपए जमा करवाए. प्रद्युमन ने टेंडर पास करने की एवज में कंपनी से अपनी पत्‍नी को नौकरी पर रखने के लि‍ए कहा और हर महीने सैलरी मांगी. प्रद्युमन ने पत्नी पूनम दीक्षित को ओरियनप्रो सॉल्यूशंस एलटीडी और ट्रीजेन सॉफ्टवेयर पीवीटी एलटीडी में बिना काम किए ही नियुक्ति दिखाया.

पूनम दीक्षित कभी ऑफिस नहीं गईं 

दोनों कंपनियों ने जनवरी 2019 से सितंबर 2020 के बीच उनकी पत्नी के 5 निजी बैंक खातों में 37 लाख 54 हजार 405 रुपए वेतन के नाम पर जमा किए. पूरी अवधि में पूनम दीक्षित कभी भी ऑफिस नहीं गईं. आरोपी यह है कि प्रतिबंधित क्षेत्र के पद पर रहते हुए पद का दुरुपयोग किया है.

एक ही समय में दो कंपनियों से वेतन लिया 

पत्नी की उपस्थिति रिपोर्ट भी खुद प्रद्युमन दीक्षित सत्यापित करते थे. दोहरी सैलरी और फर्जी प्रदर्शन रिपोर्ट का खेल एसीबी की जांच में सामने आया कि पूनम दीक्षित ने एक ही समय में दो कंपनियों से वेतन लिया. ओरियन प्रो में नौकरी दिखाते हुए उन्होंने ट्रीजेन से भी 'फ्रीलांसिंग' के नाम पर भुगतान लिया. इसी अवधि में दोनों कंपनियों को सरकारी टेंडर भी मिले, पूरा मामला तब खुला जब एक परिवादी ने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की.

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17 अक्टूबर को एसीबी में मुकदमा दर्ज  

अदालत के 6 सितंबर 2024 के आदेश पर एसीबी ने 3 जुलाई 2025 को प्राथमिक जांच दर्ज की. कंपनियों और बैंक खातों के रिकॉर्ड खंगालने पर पूरा घोटाला सामने आया. इसके बाद 17 अक्टूबर 2025 को एसीबी ने मुकदमा दर्ज कर लिया. मामले की जाँच डीएसपी नीरज गुरनानी कर रहे हैं.

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