Rajasthan: श्रावण के चौथे सोमवार को प्रभु महाकाल अर्धनारिश्वर स्वरूप में भक्तों को देगें दर्शन, शिव-पार्वती की सवारी बढ़ाएगी भव्यता 

प्रभु महाकाल श्रीविग्रह हर साल की तरह इस साल भी अभिजित मुहुर्त में विधि-विधान के साथ पूजा, अनुष्ठान होने के पश्चात् दोपहर 12ः15 बजे मंदिर के मुख्य सभागार से शाही लवाज़में के साथ निकलेगी.

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Udaipur News: श्रावण मास के चतुर्थ सोमवार को अभिजित मुहुर्त में आशुतोष भगवान महाकाल का श्रीविग्रह अर्धनारिश्वर स्वरूप में रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर पधारेंगे. प्रभु महाकाल की शाही सवारी में इस वर्ष 56 झांकियां तैयार की जा चुकी हैं. झांकियों में प्रमुख रूप से महाकाल की विजय पताका जिस पर नन्दी विराजमान पर सवार महादेव और शेर पर सवार मां पार्वती की झांकियां निकलेंगी. 

भव्य शिव बारात होगी आकर्षण का केंद्र 

इसी के साथ 5 नन्दी, 6 गौमाता अपने वत्स के साथ, हाथी, घोड़े और 11 रजत पालकी भी होंगी. सफ़ेद इनोवा कार पर स्थापित इन पालकीयों में प्रभु एकलिंगनाथ, मां ललिता अम्बा, गोपाल, महामृत्युंजय यंत्र, श्रीयंत्र सहित, महाकाल की जटा में भव्य शिव बारात भगवान शिव की सवारी मुख्य आकर्षण का केन्द्र होंगी. प्रभु महाकाल की शाही सवारी में मर्यादा पुरूषोतम श्रीराम और प्रभु हनुमान शाही सवारी की शोभा बढ़ायेंगे. इस शाही सवारी में सृष्टि के रचियता विश्वकर्मा, भगवान परशुराम और परम शिवभक्त देहदानी महर्षि दधिचि की झांकी भक्तजनों को आकर्षित करेंगी.

गंगा घाट तक जायेगी सवारी  

प्रभु महाकाल श्रीविग्रह हर साल की तरह इस साल भी अभिजित मुहुर्त में विधि-विधान के साथ पूजा, अनुष्ठान होने के पश्चात् दोपहर 12ः15 बजे मंदिर के मुख्य सभागार से शाही लवाज़में के साथ निकलेगी. इसके अलावा प्रभु श्री महाकाल में विराजित गर्भ गृह के मूल स्वरूप के दर्शन कर मंदिर सभागार के उत्तरी द्वार से मंदिर के सम्मुख स्थित गुफा से होकर गंगा घाट मार्ग पर प्रवेश करेगी.

महाकाली मंदिर पर लगेगा मंच 

सर्वप्रथम घाट पर महाआरती का आयोजन कर मंदिर के पूर्वी भाग से होते हुए फतहसागर मार्ग से होते हुए स्वरूप सागर का दृश्यावलोकन कर शिक्षा भवन चौराहा पर प्रभु की रजत पालकी में महाकाल शाही सवारी चेतक मार्ग से नगर हाथीपोल स्थित महाकाली मंदिर प्रांगण में विशाल मंच तक जाएगी.

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इस शाही सवारी को भव्यतम रूप प्रदान करने के लिए शाही सवारी में डूंगरपुर बांसवाड़ा से निपूर्ण कलाकार जो अपनी पारम्परिक वेशभूषा वाद्य यंत्र के साथ 30 कलाकार शाही सवारी की शोभा बढ़ायेंगे. इस शाही सवारी में मेवाड़ की प्रमुख परम्परागत शिव-पार्वती स्वरूप गणगौर एयर ईसर पूर्ण सुसज्जित होकर शाही सवारी की भव्यता व शोभा बढ़ायेंगे.

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