Rajasthan News: विश्व धरोहर दिवस पर सोनार दुर्ग से पटवों की हवेली तक बिखरी जैसलमेर की विरासत की चमक

Jaisalmer: रास्ते भर प्रतिभागियों ने जैसलमेर की ऐतिहासिक धरोहरों को नजदीक से देखा और उनकी महत्ता को समझा. लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने इस यात्रा को और भी रंगीन बना दिया.

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विश्व धरोहर दिवस पर जैसलमेर में हेरिटेज वॉक.

World Heritage Day: पीले पत्थरों की सुनहरी नगरी जैसलमेर ने आज विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर अपनी ऐतिहासिक विरासत और समृद्ध संस्कृति का शानदार प्रदर्शन किया. विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर आज जैसलमेर में ऐतिहासिक हेरिटेज वॉक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. 'धरोहर, संस्कृति और संरक्षण एक साझा जिम्मेदारी' थीम पर आधारित इस आयोजन ने जैसलमेर की समृद्ध विरासत के प्रति जागरूकता का संदेश दिया.

सुबह 7:30 बजे ऐतिहासिक सोनार दुर्ग से हेरिटेज वॉक का शुभारंभ हुआ. पर्यटन विशेषज्ञ ब्रजकिशोर गोपा ने हरी झंडी दिखाकर वॉक को रवाना किया. प्रतिभागियों का उत्साह देखने लायक था. पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे ऊंट, ढोल-नगाड़ों की थाप और लोक कलाकारों की रंगीन प्रस्तुतियों ने वातावरण को जीवंत बना दिया. वॉक में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, स्थानीय नागरिक और पर्यटक शामिल हुए. हेरिटेज वॉक सोनार किले से शुरू होकर गोपा चौक, सदर बाजार और नथमल हवेली होते हुए पटवों की हवेली तक पहुँची.

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प्रतिभागियों का उत्साह देखने लायक था

ऐतिहासिक धरोहरों को नजदीक से देखा

रास्ते भर प्रतिभागियों ने जैसलमेर की ऐतिहासिक धरोहरों को नजदीक से देखा और उनकी महत्ता को समझा. लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने इस यात्रा को और भी रंगीन बना दिया. ऊंटों पर सवार पारंपरिक वेशभूषा में कलाकारों ने जैसलमेर की जीवंत संस्कृति का शानदार परिचय कराया.

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पहले दिन आयोजित हुई चित्रकला प्रतियोगिता

पटवों की हवेली पहुँचने के बाद कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू हुआ. यहां पर पहले दिन आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं की कलाकृतियों की भव्य प्रदर्शनी लगाई गई. कक्षा 3 से 12वीं तक के बच्चों ने अपनी कल्पनाओं के माध्यम से जैसलमेर की धरोहर को रंगों में उतारा. उनकी पेंटिंग्स में सोनार किला, हवेलियां, लोक जीवन और संस्कृति के खूबसूरत चित्रण नजर आए.

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कलाकारों ने जैसलमेर की जीवंत संस्कृति का शानदार परिचय कराया.

प्रदर्शनी के साथ ही "सार्वजनिक कला कैनवास" का आयोजन भी हुआ, जहां स्थानीय कलाकारों और नागरिकों ने मिलकर एक विशाल सामूहिक कलाकृति तैयार की. यह अनूठी पहल सामूहिक प्रयास से धरोहर संरक्षण का संदेश देने में सफल रही. कैनवास पर उकेरे गए रंगों ने जैसलमेर के गौरवशाली अतीत को एक नई ऊर्जा दी.

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