Cyber Fraud in Mewat: साइबर ठगी के लिए कुख्यात मेवात में बदमाशों ने पुलिस- प्रशासन की नींद उड़ा दी है. डीग में ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जब गुप्त रोगों से निजात दिलाने और नपुसंकता दूर करने का झांसा देकर मासूम लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया गया. इन बदमाशों को ऑपरेशन एंटीवायरस (Operation Antivirus) के तहत गिरफ्तार किया गया है. अभियान के तहत जुरेहरा नहर के पास से 5 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है. डीग जिले के जुरेहरा थाना अधिकारी योगेंद्र के मुताबिक मौके से 7 स्मार्टफोन और 7 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए हैं. आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है.
सोशल मीडिया के जरिए करते थे टारगेट, फिर शुरू होता था कॉल
इस वारदात को शातिर तरीके से अंजाम दिया जाता था. ये ठग पहले तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन के जरिए लोगों को टारगेट करते थे. फिर जब पीड़ित झांसे में आ गया तो उसे गुप्त रोग से निजात दिलाने और नपुंसकता दूर करने की दवाइयों की फर्जी जानकारी दी जाती थी. इन दवाइयों को डिलीवर करने के नाम पर सामने वाले शख्स से पैसे डलवाए जाते थे. फिर क्यूआर कोड भेजकर पीड़ित के खाते से पैसे निकाल लिए जाते थे.
नपुंसकता के इलाज के नाम पर लड़की करती थी वीडियो कॉल
यही नहीं, इसके अलावा भी कई तरीकों से लोगों से पैसे ऐंठे गए. कई बार नपुंसकता की जांच करने के नाम पर संबंधित व्यक्ति को लड़की वीडियो कॉल करती थी. इस दौरान व्यक्ति का वीडिओ रिकॉर्ड कर लिया जाता था. फिर उस वीडियो के जरिए व्यक्ति को ब्लैकमेल करके पर मोटी रकम का दबाब बनाते थे. पैसा नहीं मिलने पर वीडियो वायरल करने की भी धमकी दी जाती थी. जिसे बाद समाज में प्रतिष्ठा के डर के चलते कई लोगों को मजबूरन पैसे ट्रांसफर करने पड़े.
साइबर ठगों का अड्डा बना मेवात, हर दिन हो रहे नए खुलासे
राजस्थान का मेवात क्षेत्र साइबर ठगों का अड्डा बन चुका है. जिसके चलते इसे राजस्थान का 'जामताड़ा' भी कहा जाता है. साइबर ठगी के इस काले कारनामे को अंजाम देने में सिर्फ स्थानीय युवक ही नहीं, बल्कि गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं. वहीं, आईजी राहुल प्रकाश और एसपी राजेश कुमार मीणा के निर्देशन में डीग पुलिस की ऑपरेशन एंटीवायरस अभियान के तहत कार्रवाई भी जारी है. जब साइबर ठग सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं तो इसी के साथ कई वारदातों का खुलासा भी हो रहा है. साइबर ठगी के ऐसे कई मामले हैरान कर देने वाले हैं. बदमाशों को पकड़ने के साथ ही ठगी की कमाई से बने उनके मकानों पर भी बुल्डोजर कार्रवाई भी की जा रही है. बावजूद इसके कई बार अपराधी ठगी करने के बाद पहाड़ों में जाकर छिप जाते हैं. जिसके चलते इन वारदातों पर रोक लगा पाना अभी भी आसान नहीं दिख रहा.
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