Organ Transplant Fake NOC: चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान ने डॉ. सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज (SMS) के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. सुधीर भंडारी, स्टेट ऑर्गन एंड ट्ष्यिू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन के संयुक्त निदेशक रहे डॉ. अमरजीत मेहता और SMS के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को नोटिस जारी कर प्रत्यारोपण से जुड़ी सूचनाएं मांगी है.
SMS के पूर्व प्रिसिंपल के कार्यकाल में जारी की गई NOC से संबंधित जानकारी मांगी
नोटिस में डॉ. सुधीर भंडारी के कार्यकाल में राज्य स्तरीय प्राधिकार समिति की बैठकों, उनमें लिए गए निर्णयों, जारी किए गए NOC से संबंधी जानकारी मांगी है. सोटो के गठन के लिए एनओटीपी गाइडलाइन के अनुसार चैयरमेन का पद स्वीकृत नहीं है. लेकिन, उन्होंने प्रिसिंपल के पद से हटने के बाद भी सोटो चैयरमेन के रूप में पत्राचार किया. सोटो राजस्थान में उनकी भूमिका, कार्य प्रणाली, सोटो वेबसाइट के संधारण और मॉनिटरिंग के संबंध में पूरी जानकारी मांगी गई है.
SMS के निदेशक रहे डॉ. अमरजीत मेहता को नोटिस
डॉ. अमरजीत मेहता को नोटिस जारी की गई है. उनसे सोटो की कार्य प्रणाली, सोटो वेबसाइट के संधारण और मॉनिटरिंग की जानकारी मांगी गई है. सोटो के माध्यम से हुए सभी प्रकार के मानव अंग प्रत्यारोपण की सूचना मांगी गई. एसएमएस अस्पताल में नजदीकी रिश्तेदारों और पति-पत्नी के बीच होने वाले अंग प्रत्यारोपण की अनुमति के लिए चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में कॉम्पीटेंट अथॉरिटी का गठन किया गया था. समिति ने एक साल में इस समिति की बैठक कब-कब आयोजित की. इन बैठकों के बाद मार्च, 2024 तक जारी एनओसी का विवरण भी उपलब्ध करवाने को कहा गया है.
5 सदस्यीय कमेटी कर रही जांच
राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर प्रदेश में मानव अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी मामले एवं निजी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण प्रकरण के संबंध में जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी, जो लगातार मामले की जांच कर रही है. चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस उच्च स्तरीय कमेटी में रजिस्ट्रार राजस्थान मेडिकल कौंसिल, मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण के प्राधिकृत अधिकारी, वरिष्ठ विधि परामर्शी तथा शासन उप सचिव चिकित्सा शिक्षा को सदस्य एवं नोडल अधिकारी-एनओटीपी को सदस्य सचिव के रूप में शामिल किया गया है.
यह समिति अंग प्रत्यारोण की फर्जी एनओसी प्रकरण, निर्धारित प्रावधानों के तहत मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों के संबंध में निदेशक जनस्वास्थ्य द्वारा गठित निरीक्षण दलों के माध्यम से प्राप्त सत्यापित रिकॉर्ड की विस्तृत जांच कर रही है.