Rajasthan News: देशभर में जहां दिवाली का जश्न शांति से मन रहा था, वहीं चूरू जिले के रतनगढ़ में लापरवाही भरी आतिशबाजी ने खुशियों के बीच खलल डाल दिया. दिवाली की रात (सोमवार), रतनगढ़ में 6 अलग-अलग जगहों पर आगजनी की घटनाएं हुईं, वहीं एक पुलिस जवान समेत 100 से ज्यादा लोग पटाखों से झुलस गए. गनीमत रही कि किसी की जान का कोई नुकसान नहीं हुआ. इस वजह से रात भर रतनगढ़ शहर में अफरा-तफरी का माहौल रहा. पुलिस और दमकल विभाग के लिए यह रात बहुत मुश्किल भरी रही.
लापरवाह आतिशबाजी बनी हादसों की वजह
मिली जानकारी के अनुसार, पटाखों की वजह से गढ़ के पीछे की बस्ती, भुवालका कोठी, श्योलजी की कुई, पीएनबी बैंक के पुराने भवन के पीछे स्थित नोहरे (पशुओं का बाड़ा), चूरू फाटक और परमाणाताल में आग लग गई. इन आगजनी की घटनाओं में घासफूस, लकड़ियां, पशुचारा और खाली प्लास्टिक के कट्टे जलकर राख हो गए. परमाणाताल को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर दमकल (फायर ब्रिगेड) की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया.
पुलिस जवान ने लगाई अपनी जान की बाजी
पटाखों से झुलसने वाले 100 से ज्यादा लोगों में एक पुलिस जवान भी शामिल है, जिसने बहादुरी की एक मिसाल कायम की. यह जवान शहर के अशोक स्तम्भ के पास ड्यूटी कर रहा था. तभी कुछ लोग पास में ही तेज आतिशबाजी कर रहे थे. उसी समय, एक एम्बुलेंस वहां से गुजरी. एक व्यक्ति ने जैसे ही पटाखा जलाया, वह सीधे एम्बुलेंस की तरफ चला गया. एम्बुलेंस को पटाखे से बचाने के लिए, ड्यूटी पर तैनात इस पुलिस जवान ने तेजी दिखाते हुए जलते हुए पटाखे को हाथ से पकड़कर दूर फेंकना चाहा.
सभी घायलों को अस्पताल से मिली छुट्टी
इसी दौरान, पटाखा उसके हाथ में ही जल उठा, और पुलिस जवान का हाथ झुलस गया. उसकी सूझबूझ और बहादुरी से एम्बुलेंस और उसमें मौजूद लोग बड़े हादसे से बच गए. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पुलिस जवान समेत पटाखों से झुलसकर आए 100 से अधिक लोगों को प्राथमिक उपचार (First Aid) के बाद छुट्टी दे दी गई है.
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