प्यार के लिए एक और पाकिस्तानी महिला आई भारत, 2 बच्चों के पिता को दिल दे बैठी मेहविश

मेहविश की दोस्ती इमो (IMO) के जरिए चूरू के रहने वाले रहमान से हुई. दोनों मोबाइल पर बातें करने लगे और इनका प्यार परवान चढ़ने लगा. फिर बाद में दोनों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शादी कर ली.

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Rajasthan News: प्यार के लिए सरहद पार करके आई सीमा हैदर का मामला शांत नहीं हुआ है. उससे पहले एक और अपने प्यार के लिए पाकिस्तान से सरहद पार करके भारत आई है. इस बार पाकिस्तानी महिला राजस्थान के चूरू जिले में आई है. चूरू के रहमान और पाकिस्तानी महिला मेहविश की इमो पर दोस्ती हुई थी. इसके बाद दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने शादी कर ली है. बता दें कि रहमान पहले से शादी-शुदा है और उसके दो बच्चे हैं. फिलहाल दस्तावेजों की जांच करके मेहविश से पूछताछ कर रही है.  

2006 में मेहविश की हुई थी शादी

पाकिस्तान से आई मेहविश ने बताया कि वह लाहौर की रहने वाली है. जब वह 2 साल की थी तभी उसकी मां का देहांत हो गया और करीब 15 साल पहले उसके पिता जुल्फीकार का भी इंतकाल हो गया. 12 साल पहले वह अपनी बहन साहिमा के पास इस्लामाबाद आ गई थी. इसके बाद वह वहीं पर 2 महीने तक ब्यूटी पार्लर का काम सीखा. वह पिछले 10 साल से ब्यूटी पार्लर का काम कर रही है. साल 2006 में बादामी बाग के एक व्यक्ति से शादी हुई थी. उसके पहले पति से दो बेटे हैं जिनकी उम्र 12 साल और 7 साल है. शादी के बाद पहले पति ने मेहविश को 2018 में तलाक देकर दूसरी शादी कर ली.

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इसके बाद मेहविश की दोस्ती इमो (IMO) के जरिए चूरू के रहने वाले रहमान से हुई. दोनों मोबाइल पर बातें करने लगे और इनका प्यार परवान चढ़ने लगा. महविश ने अपने बहन और बहनोई से बातचीत कर रहमान को शादी के लिये प्रपोज कर दिया. इसके बाद 2022 में मेहविश ने रहमान से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शादी कर ली. इस वक्त रहमान कुवैत में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय कर रहा था. साल 2023 में मेहविश उमरा गई, जहां रहमान भी पहुंच गया और दोनों ने मक्का में निकाह कर लिया. 
 

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बाघा बॉर्डर से चूरू पहुंची पाकिस्तानी महिला

अब मेहविश अपने प्यार के लिए सीमा पार करके भारत आ गई. वह इस्लामाबाद से 25 जुलाई की शाम 7:00 बजे अपने परिवार के साथ रवाना हुई थी. परिवार के लोग उसे बाघा बॉर्डर पर अकेला छोड़कर चले गए, जहां पाकिस्तान सेना और भारतीय सेना ने उसके दस्तावेजो की जांच पड़ताल की. जब पासपोर्ट मैं लगी फोटो देखकर थानाधिकारी ने कहा कि क्या यह फोटो तुम्हारी है तो महविश ने जवाब दिया पाकिस्तान की सरकार झूठ नहीं बोलती यह फोटो मेरी है। तब उसने अपना मास्क उतार कर चेहरा दिखाया। मेहविश 45 दिनों के टूरिस्ट वीजा पर भारत आई है. सरहद पर खड़े ससुराल के लोग उसे निजी वाहन से लेकर रवाना हुए और फिर सरदारशहर में एक रात रुककर उसे गांव पिथिसर ले आये. 

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कुवैत में ट्रांसपोर्ट का काम करता है रहमान

वहीं, चूरू के रतन नगर थाना अंतर्गत गांव पिथिसर का रहने वाला रहमान कुवैत में ट्रांसपोर्ट का कार्य करता है. दो भाइयों में रहमान बड़ा है और उसका छोटा भाई सलीम गांव में ही रहता है जो खेती-बाड़ी और परचून की दुकान चलाता है. रहमान का पिता अली शेर पशुपालक और खेती-बाड़ी करता है. रहमान की शादी साल 2011 में भादरा के फरीद के साथ हुई थी. रहमान के दो बच्चे हैं. शादी के बाद रहमान की अपनी पत्नी से अनबन हो गई. फिलहाल फरीदा अपने मायके भादरा में रह रही है.