Rajasthan: अलवर में करंट लगने से पैंथर और 2 शावकों की मौत, शरीर पर मिले जलने के निशान

डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि यह रक्षित वन क्षेत्र है. यहां पर भले ही गांव नहीं हो, लेकिन बिजली विभाग ने गांव तक जाने के लिए लाइन डाली हुई है, जो जंगल के रास्ते से गुजरती है. इसलिए यह हादसा हुआ है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: अलवर जिले में नाका डेहरा शाहपुर के वन क्षेत्र अमृतवास में बिजली का तार टूट कर गिरने के बाद करंट लगने से एक पैंथर और दो उनके शावकों की मौत हो गई. तीनों के शव दो तीन दिन पुराने हैं. शनिवार को इस घटना का तब पता चला जब केंद्रीय वन मंत्री और राजस्थान सरकार के वन मंत्री अलवर दौरे पर आए हुए थे. जब मंत्री से बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कि जो भी कार्रवाई होगी की जाएगी. इस मामले की जांच कर रहे हैं.

शरीर पर करंट से जलने के निशान

डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि, '21 जून की रात करीब 10 बजे बिजली के तार टूटने से अमृतवास में 1 बघेरा एवं उसके 2 शावकों के शव मिलने की सूचना हमें मिली थी. इसके बाद संबंधित स्टाफ द्वारा मौके पर जाकर देखा गया तो घटना स्थल पर तीनों के शव आसपास पड़े हुए थे. बिजली का करंट लगने से उनके शरीर पर जलने के निशान भी स्पष्ट नजर आ रहे थे. सभी बघेरो के शवों को घटना स्थल से बरामद कर मेडिकल पोस्टमार्टम के लिए अलवर रेंज अधीन कटी घाटी स्थल पर लाया गया. पोस्टमार्टम के बाद तीनों के दाह संस्कार की आगामी कार्यवाही की गई.'

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ट्रांसफार्मर की अनुमति किसने दी?

वन क्षेत्र के आसपास कोई गांव नहीं है तो ट्रांसफार्मर लगाने की अनुमति कैसे मिली? जब डीएफओ से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह पुरानी लाइन है, और यह रक्षित वन क्षेत्र है. यहां पर भले ही गांव नहीं हो, लेकिन बिजली विभाग ने गांव तक जाने के लिए लाइन डाली हुई है, जो जंगल के रास्ते से गुजरती है. इसलिए यह हादसा हुआ है. इससे पूर्व भी यहां 3 बघेरों की मौत हुई थी. हालांकि वो मामला अलग था, और उस केस में कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. मगर अब रेगुलर मॉनिटरिंग की जा रही है. वहां पर वृक्षारोपण भी किया गया है.'

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वन मंत्री ने कहा- जांच कराएंगे

इधर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, 'पूरा मामला मेरे संज्ञान में आ गया है. इस मामले की जांच कराएंगे. इधर राजस्थान सरकार के वन मंत्री का जवाब भी अटपटा था. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह लापरवाही किसी स्तर पर हुई है? एक तरफ जहां राजस्थान सरकार के वन मंत्री संजय शर्मा सरिस्का में मादा टाइगर द्वारा बच्चों को जन्म देने की खबर को सोशल मीडिया पर डालते हैं. लेकिन जब तीन पैंथर की करंट से मौत हो जाती है तो वो उनका जवाब बस कार्रवाई करेंगे, जांच चल रही है होता है. पूर्व में भी यहां पर तीन बघेरा की मौत हुई थी, जिसमें शिकारी ने उनके शिकार पर जहर डाल दिया था. उसे मामले में भी काफी हंगामा हुआ था, जिसको वन विभाग हमेशा दबाता रहा.

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