Rajasthan News: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा (Babulal Katara) के खिलाफ आखिरकार राज्य सरकार (Bhajanlal Government) ने शुक्रवार को मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. अब पेपर लीक केस (Paper Leak Case) में कटारा के खिलाफ ट्रायल शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है. आपको बता दें कि यह वही मामला है जिसने राज्य की सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती परीक्षा (RPSC Teacher Recruitment Exam) को कठघरे में खड़ा कर दिया था.
क्या है पूरा मामला?
18 अप्रैल 2024 को स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (SOG) ने बाबूलाल कटारा ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 का प्रश्न पत्र अपने सरकारी आवास पर लीक किया और भांजे विजय डामोर के जरिए उसे रजिस्टर में लिखा गया. पेपर पहले 60 लाख में अनिल मीणा को बेचा गया. बाद में वही पेपर 80 लाख में भूपेन्द्र सारण तक पहुंचा. 24 दिसंबर 2022 को उदयपुर के बेकरिया थाने की पुलिस ने एक संदिग्ध बस पकड़ी, जिसमें 49 अभ्यर्थी प्रश्न पत्र के उत्तर याद कर रहे थे. पूछताछ में सामने आया कि पेपर पहले ही बाहर आ चुका था. कटारा के घर से 51.20 लाख नकद, 541 ग्राम सोना, दर्जनों संदिग्ध दस्तावेज, पेपर लिखने में इस्तेमाल रजिस्टर बरामद हुआ था.
30 जून को अगली सुनवाई
इसके बाद SOG और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों ने चार्जशीट दाखिल की थी. लेकिन अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण ट्रायल अटका हुआ था. मगर अब राज्य सरकार ने अभियोजन की अनुमति दे दी. ट्रायल में एक कार्मिक विभाग के अधिकारी को भी गवाह बनाने की स्वीकृति सुप्रीम कोर्ट प्रक्रिया के तहत मांगी गई है. अगली सुनवाई की 30 जून को होगी. लोक अभियोजक जून को कई प्रमुख गवाहों को अदालत में पेश करेगा. सबूतों का परीक्षण किया जाएगा. दस्तावेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स, बरामद नकदी-सोने की फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट कोर्ट में रखी जाएगी.
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