राजस्थान में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों की जान को खतरा! प्रदेश में 3000 से ज्यादा सर्जरी टली

राजस्थान के अस्पतालों में अब तक हजारों सर्जरी टाली जा चुकी है. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस अस्पताल में ओपीडी सेवाओं में मरीजों की संख्या लगातार घट रही है.

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Rajasthan Doctor Strike: कोलकाता रेप और हत्या मामले में देश भर में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं. इससे राजस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर भी अछूते नहीं है. उन्होंने भी न्याय और सुरक्षा को लेकर पिछले 8 दिनों से मोर्चा खोल रखा है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने की अपील की है. लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों का मूड अभी ऐसा नहीं लग रहा है. राजस्थान प्रदेश में रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. प्रदेश भर में ओपीडी सेवाओं के साथ साथ इमरजेंसी सेवा और सर्जरी भी प्रभावित हुई है. हालात ऐसे हैं कि हड़ताल से परेशान मरीजों ने अब सरकारी अस्पतालों से दूरी बना ली है. 

प्रदेश के अस्पतालों में अब तक हजारों सर्जरी टाली जा चुकी है. इसके बाद अस्पतालों में मरीजों की कतार दिखाई नहीं दे रही. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस अस्पताल में ओपीडी सेवाओं में मरीजों की संख्या लगातार घट रही है. जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टरों ने 12 अगस्त को हड़ताल का ऐलान किया था. इसके बाद 13 अगस्त को मरीजों को घंटो लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा था.

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हड़ताल के बाद 3000 से अधिक सर्जरी टली

12 अगस्त से पहले 1 सप्ताह के दौरान एसएमएस अस्पताल की ओपीडी में 54 हजार 559 मरीज इलाज के लिए आए थे. वहीं हड़ताल के बाद अगले एक सप्ताह के दौरान सिर्फ 39 हजार 333 मरीज एसएमएस अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि सर्जरी में भी भारी गिरावट देखी गई. एसएमएस अस्पताल में औसतन एक दिन में 400 से 450 सर्जरी होती है. लेकिन 19 अगस्त को यहां सिर्फ 181 सर्जरी ही हुई. हड़ताल से पहले एक सप्ताह के दौरान 2873 सर्जरी हुई थी. वहीं अब यह संख्या घटकर एक सप्ताह में 1968 हो गई है. यानी सर्जरी में भी 900 की गिरावट है. 

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हड़ताल के कारण प्रदेश भर में 3 हजार से अधिक सर्जरी टली है. जयपुर में 900 से अधिक, कोटा में 800, जोधपुर में 400, उदयपुर में 650 से अधिक और अजमेर में 400 से अधिक मरीजों के ऑपरेशन टाले गए हैं.

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SMS प्रबंधन का दावा हड़ताल खत्म होते ही एक सप्ताह में खत्म होगा बैकलॉग 

SMS कॉलेज एवं अस्पताल के प्रवक्ता डॉ मनीष अग्रवाल ने कहा कि इमरजेंसी सेवाएं बहाल हैं और इमरजेंसी सर्जरी भी हो रही है. हड़ताल की वजह से कुछ रूटीन सर्जरी जरूर डिले हुई है लेकिन हम हड़ताल समाप्त होने के साथ ही अगले एक सप्ताह के अंदर यह बैकलॉग दूर कर लेंगे. हमने हमारे रेजिडेंट डॉक्टरों की बातें सुनी है. प्रिंसिपल दीपक माहेश्वरी ने उनकी बातें मानी हैं. हम उम्मीद करते हैं कि वे जल्द काम पर लौट आएंगे. 

सुप्रीम कोर्ट की अपील पर क्या बोले जार्ड उपाध्यक्ष

जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल आज आठवें दिन भी जारी है. हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने मंगलवार (20 अगस्त) स्टैच्यू सर्किल पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद वे अमर जवान ज्योति तक मार्च के लिए भी निकले. सुप्रीम कोर्ट की अपील के बावजूद रेजिडेंट डॉक्टर मानने को तैयार नहीं हैं. जार्ड के उपाध्यक्ष जयपाल गोदारा ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, हमें कोर्ट में पूरी आस्था है. लेकिन हम अभी और देखना चाहते हैं. सीपीए हमारी प्रमुख मांग है, इसलिए हम इस पर ठोस कार्रवाई के बगैर हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे.

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