Phalodi Traffic Jam: फलोदी को नया जिला बनने के बाद भी शहर की यातायात व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है. सुबह हो या शाम, हर आधे घंटे में सड़कों पर लंबा जाम लगना आम बात हो गई है. स्कूल बसों से लेकर एम्बुलेंस तक को रास्ता नहीं मिलता. हाल ही में एक एम्बुलेंस जाम में फंस गई, उसका सायरन बजता रहा, लेकिन कोई वाहन हटाने को तैयार नहीं था. हर कोई अपने वाहन को पहले निकालने की जिद में था. यह नजारा शहर की बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था का जीता-जागता सबूत है.
नदारद हैं ट्रैफिक प्रभारी
शहर में ट्रैफिक व्यवस्था संभालने वाला कोई जिम्मेदार अधिकारी नजर नहीं आता. जाम खुलवाने का काम अक्सर राहगीरों या जागरूक नागरिकों को ही करना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस की अनुपस्थिति के कारण हालात और खराब हो रहे हैं. पत्थर रोड, जवाहर प्याऊ और मलार रोड जैसे मुख्य मार्ग हर 15-20 मिनट में जाम की चपेट में आ जाते हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी होती है.
बुनियादी सुविधा भी नहीं, लोगों ने की प्रशासन से मांग
फलोदी को जिला बने समय बीत गया, लेकिन मूलभूत सुविधाओं का अभाव अब भी बरकरार है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि जिला बनना केवल कागजी प्रक्रिया बनकर रह गया. ट्रैफिक व्यवस्था के अलावा अन्य बुनियादी सुविधाएं भी न के बराबर हैं. लोग रोजमर्रा की जिंदगी में जाम की समस्या से तंग आ चुके हैं और प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.
रिपोर्ट- हरिप्रकाश व्यास
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