Rajasthan Politics: राजस्थान में मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के फोन टैपिंग वाले बयान पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा, "मेरी सरकार में भी फोन टैपिंग के आरोप लगे थे. पूरा विपक्ष इस्तीफा मांग रहा था. मैंने खुद खड़े होकर कहा था कोई भी MP-MLA का फोन टैप ना हुआ है, ना ही हो रहा है और ना कभी होगा. भजनलाल सदन के नेता हैं, मुख्यमंत्री हैं और गृहमंत्री भी हैं. उनको मेरी तरह बात कहने का भाव क्यों नहीं आया. क्यों उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि ऐसा फोन कोई टैप नहीं किया गया. किरोड़ी लाल मीणा की बात समाप्त हो जाती."
"फोन टैप की परंपरा राजस्थान में नहीं रही"
उन्होंने कहा, " फोन टैप की परंपरा राजस्थान में नहीं रही है. कानून भी अलाऊ नहीं करता है. एंटी सोशल एलिमेंट्स हो या जिन पर राजद्रोह का काम करने का आरोप हो उनके फोन टैप होते हैं. इसमें भी कोई अधिकारी फोन टैप नहीं कर सकता है, मिनिस्टर से परमिशन लेनी पड़ती है. इस केस में आउट ऑफ वे जाकर टेलीफोन टैप हुआ है, तो क्राइम सरकार ने किया है. इसको स्पष्ट कौन करेगा? मंत्री जवाहर सिंह हाउस के बाहर बोल रहे हैं. हाउस के अंदर क्यों नहीं बोल रहे हैं? इसका जवाब मुख्यमंत्री दें."
"लोगों के मुद्दे हाउस में आने चाहिए थे"
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, "हाउस को डिस्टर्ब करने का काम सत्ता पक्ष नहीं कर सकता. सत्ता पक्ष पाप का भागीदार है. लोगों के मुद्दे हाउस में आने चाहिए थे. मुख्यमंत्री ने 2 घंटे भाषण दिए, और एक शब्द भी नहीं बोले कि किरोड़ी लाल मीणा हमारी सरकार पर गलत आरोप लगा रहे हैं. क्योंकि मुख्यमंत्री वही बात कह सकते हैं, वही काम कर सकते हैं जो पर्ची दिल्ली से आती है."
"सरकार पर्ची से चलती है"
उन्होंने कहा, "अपने विजन पर एक शब्द नहीं बोल सकते हैं. अब बच्चे-बच्चे को पता लग गया है कि सरकार पर्ची से चलती है. सरकार एक ट्रेंड चला है कि हाउस में एमएलए या विधायक सरकार की आलोचना करता है तो उसको डराना, धमकाना और उसके घर पर इनकम टैक्स जीएसटी के अधिकारियों को भेजना. यह तो अंग्रेजों के शासन में नहीं हुआ था."
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