Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बृहस्पतिवार (12 जून) को तीन दिवसीय उदयपुर संभाग के दौरे पर पहुंचे. उदयपुर डबोक एयरपोर्ट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. अशोक गहलोत ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से भी बात की. वहां उनसे पूछा गया कि गुर्जर आंदोलन भाजपा राज में ही होते हैं, कांग्रेस राज में क्यों नहीं होते? इसके जवाब में अशोक गहलोत ने कहा कि आंदोलन तब भी हुए थे, लेकिन तब अंतर था. गहलोत ने कहा," कांग्रेस राज में भी आंदोलन हुए, लेकिन फर्क ये है कि इन लोगों को (बीजेपी) राज करने का अनुभव नहीं है. इनके राज में फायरिंग होती है. एक बार, दो बार और 6 बार फायरिंग हुई. कई गुर्जर मारे गए थे."
"हमारे राज में भी गुर्जर आंदोलन हुए"
अशोक गहलोत ने कहा, "हमारी सरकार आई तब भी वह (गुर्जर) पटरियों पर बैठे थे. एक बार, दो बार, तीन बार. कई बार गुर्जर आंदोलन किए. लेकिन हमारे अंदर सूझबूझ थी, हमने समझाईश की उनके पास जाकर, प्यार, मोहब्बत, भाईचारे से. कर्नल किरोड़ी बैसला साहब को समझाया. हमारे टाइम में फायरिंग तो छोड़ो, लाठी चार्ज तक नहीं होने दिया."
पत्रकारों ने गहलोत से इस बारे में भी प्रतिक्रिया मांगी कि पायलट और गहलोत के हाथ मिलाने के बाद ही गुर्जर आंदोलन शुरू हो गया. इस बात पर गहलोत ने कहा,"यह तो अनुभवहीनता की बात है, उनको पहले अनुभव प्राप्त करना चाहिए. वो तह में जाएं समस्या के और उसके बाद कॉमेंट करें.
"आजादी के बाद पहली बार देश टेंशन में है"
मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरा होने पर कहा, "मेरा मानना है कि आजादी के बाद पहली बार देश में टेंशन है. लोकतंत्र तभी मजबूत हो सकता है, जब सभी जाति और सभी वर्ग साथ में चले. धीरे-धीरे लोकतंत्र की हत्या हो रही है, संविधान खतरे में है. डेमोक्रेसी में विपक्ष जरूरी है, बिना विपक्ष सत्ता क्या है. विपक्ष सवाल उठाता है, तो सत्ता को जवाब देना होता है. राहुल गांधी सवाल उठा रहे हैं, पहलगाम में हत्या हुई, उसमें चूक कहां हुई, हत्यारों का क्या हुआ. कोई जवाब नहीं.
"कन्हैयालाल के हत्यारों को नहीं हुई सजा"
अशोक गहलोत ने उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "इस हत्याकांड में हत्यारों का लिंक बीजेपी से था. 2-3 घंटे में हत्यारे पकड़े गए. नहीं पकड़े जाते तो कितना तनाव पैदा होता. पुलिस की यह बड़ी उपलब्धि थी. फिर केस एनआईए ने ले लिया. तीन साल हो गए हैं केस को, अगर एसओजी के पास केस होता तो हो सकता है अब तक सजा हो जाती.
अशोक गहलोत ने पंचायत चुनाव के बारे में कहा कि स्थानीय स्तर पर अलग समीकरण होते हैं. कभी हार होती है, तो कभी जीत. हम प्रयास करेंगे कि कहां कमी रही, क्या स्थिति रही.
"वसुंधरा सरकार के कामों को आगे बढ़ाया"
उन्होंने आगे कहा, "हर बार सरकार बदलती है. वसुंधरा की सरकार थी तो उनके कामों को हमने आगे बढ़ाया. हम सोचते हैं कि जनता का नुकसान क्यों हो, लेकिन हमारी सरकार बदलते ही हमारे कामों को रोक देते हैं." इसके अलावा गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कार्यकाल, गुर्जर आंदोलन और पार्टी के ढांचे को लेकर भी बातें कही.
"राहुल गांधी ने नई शुरुआत की है"
कांग्रेस को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने नई शुरुआत की है. हर जिले के अंदर सीनियर नेताओं को भेज रहे हैं. जिलाध्यक्षों के परफॉर्मेंस को ऑडिट किया जा रहा है. गुजरात, हरियाणा और मध्य प्रदेश तक पहुंच गए हैं. धीरे-धीरे हर राज्य में पहुंचेंगे.
ऑडिट के आधार पर जो जिलाध्यक्ष अच्छे काम कर रहे हैं, वह जिलाध्यक्ष रहेंगे, जहां कमजोरी है वहां वार्निंग दी जाएगी, जो बिल्कुल काम नाम का रहे हैं या खाली जगह है, उनको भरने का काम करेंगे. यह नया प्रयोग किया है, इससे जिलाध्यक्ष अपनी ताकत और जिम्मेदारी समझाएंगे, आने वाले समय में पार्टी को मजबूती प्रदान करेगा.
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