सावधान! PM किसान योजना के नाम पर ठगी, घर बैठे रजिस्ट्रेशन की लालच में फंसा रहे जालसाज

पीएम किसान रजिस्ट्रेशन और पीएम किसान योजना की फर्जी एपीके फ़ाइल 'व्हाट्सएप ग्रुप्स व अन्य माध्यमों से शेयर की जा रही है.

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PM किसान योजना के नाम पर ठगी

Rajasthan News: ठगी के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. अभी सोशल मीडिया पर पीएम किसान सम्मान निधि के नाम पर नया साइबर जाल फैलाया जा रहा है. इस तरह से ठगी सामने आने के बाद राजस्थान पुलिस ने लोगों को इससे सतर्क रहने को कहा है. पुलिस ने केवल गूगल प्ले स्टोर से आधिकारिक ऐप ही डाउनलोड करने की सलाह दी है. पुलिस की ओर से वाट्सएप ग्रुप पर आने वाली फर्जी एपीके फाइल को खोलने से बचने को कहा गया है. 

सोशल मीडिया पर नया साइबर जाल

पुलिस अधीक्षक (साइबर क्राइम) शांतनु कुमार ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) के नाम पर इन दिनों सोशल मीडिया पर एक नया साइबर जाल फैलाया जा रहा है. साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर किसान सम्मान निधि योजना की मोबाइल एप्लीकेशन (ऐप) होने का दावा करने वाले एक फर्जी लिंक या एपीके फाइल शेयर कर लोगों को फांस रहे है.

ऐसे में राजस्थान पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने आम लोगों को इस संबंध में आगाह करते हुए परामर्श जारी किए है. साइबर अपराध शाखा के अनुसार, पीएम किसान रजिस्ट्रेशन और पीएम किसान योजना की फर्जी एपीके फ़ाइल 'व्हाट्सएप ग्रुप्स व अन्य माध्यमों से शेयर की जा रही है.

जालसाज की ओर से लिंक या फाइल शेयर करके दावा किया जा रहा है कि इस ऐप के जरिए किसान योजना में घर बैठे रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और तुरंत लाभ पा सकते हैं. 

 

बैंक खाते से निकाल लेते पैसे

एसपी ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया है कि इस फर्जी एपीके फाइल के जरिए बैकडोर मैलवेयर मोबाइल में इंस्टॉल हो जाता है. इससे मोबाइल का एक्सेस साइबर अपराधियों के पास चला जाता है. अपराधी फिर मोबाइल स्क्रीन रिकॉर्डिंग, ओटीपी, बैंकिंग एप्स व अन्य संवेदनशील जानकारी हासिल कर बैंक खातों से अवैध रूप से धन निकाल रहे हैं. 

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साइबर अपराध शाखा ने स्पष्ट किया है कि पीएम किसान योजना में रजिस्ट्रेशन सिर्फ तहसील स्तर के कृषि कार्यालय, केंद्र सरकार के पोर्टल या सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से ही किया जाता है. इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पीएम किसान डॉट जीओवी डॉट इन है.

पुलिस की लोगों को सलाह

  • लोग केवल गूगल प्ले स्टोर से आधिकारिक ऐप ही डाउनलोड करें.
  • विशेषकर किसानों और ई-मित्र संचालकों से अपील है कि किसी भी फर्जी लिंक या ऐप से सावधान रहें.
  • यदि ऐसी किसी गतिविधि की जानकारी मिले तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या निकटतम पुलिस/साइबर थाने को सूचना दें.

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