Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले फेज का मतदान हो चुका है. वहीं अब राजनीतिक पार्टियों की नजर दूसरे चरण पर है. राजस्थान में पहले चरण में वोट प्रतिशत कम रहा. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों की चिंता बढ़ गई है. ऐसे में दूसरे चरण में ज्यादा से ज्यादा वोटिंग हो इसके लिए मतदाताओं से वोट करने की अपील की जा रही है. वहीं इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर प्रचार करने पहुंच रहे हैं. बता दें बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को चुनाव होना है. यहां से बीजेपी की ओर से महेंद्रजीत सिंह मालवीय और कांग्रेस समर्थित BAP की ओर से राजकुमार रोत मैदान में है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अप्रैल को बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट में प्रचार के लिए बांसवाड़ा के कॉलेज मैदान में रैली को संबोधित करेंगे. बताया जा रहा है कि यह रैली रविवार को दोपहर 1.15 बजे होगा. पीएम मोदी बीजेपी के सांसद प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय और बागदौरा विधानसभा उप चुनाव के उम्मीदवार सुभाष तंबोलिया के लिए वोट मांगेंगे.
2 साल बाद पीएम मोदी फिर बांसवाड़ा में
पीएम मोदी 2 साल बाद बांसवाड़ा लोकसभा सीट में पहुंच रहे हैं. इससे पहले राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पर 1 नवंबर 2022 को आए थे. यानी करीब 2 साल बाद फिर से पीएम मोदी 21 अप्रैल को बांसवाड़ा के कॉलेज मैदान पर आयोजित सभा को संबोधित करेंगे. इस दौरान वह बांसवाड़ा सहित डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के लोगों से संवाद कर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में वोट देने की अपील करेंगे.
क्या महेंद्रजीत सिंह मालवीय को होगा फायदा
बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर महेंद्रजीत सिंह मालवीय और राजकुमार रोत के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है. दोनों ही उम्मीदवार आदिवासी समुह से हैं. जबकि इस क्षेत्र में आदिवासी वोटरों का दबदबा है. जो यहां जीत हार तय करती हैं. ऐसे में पीएम मोदी निश्चित रूप से आदिवासी समूह के लिए बड़े वादे लेकर आएंगे. क्योंकि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बीजेपी 400 सीट की मांग संविधान से आरक्षण को खत्म करने के लिए कर रही है. अगर पीएम मोदी आदिवासियों को अपने पाले में कामयाब हो गए तो महेंद्रजीत सिंह मालवीय का पलड़ा भारी हो सकता है.
राजकुमार रोत को होगा नुकसान
राजकुमार रोत भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी हैं और कांग्रेस उन्हें समर्थन कर रही है. राजकुमार रोत एक आदिवासी नेता हैं और आदिवासियों का उनके पास खूब समर्थन है. वहीं आरक्षण खत्म करने की संभावनाओं को लेकर आदिवासी निश्चित रूप से राजकुमार रोत के साथ आना चाहेंगे. लेकिन खुद पीएम मोदी के संबोधन में आदिवासियों के लिए कौन सा बड़ा वादा होगा. जो गेमचेंजर साबित हो सकती है. ऐसे में राजकुमार रोत को नुकसान हो सकता है. क्योंकि मतदान का समय भी नजदीक है. लिहाजा पीएम मोदी आखिरी समय में बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेल सकते हैं. आदिवासियों के ऐलान के साथ वह देश की आदिवासी वोटरों को भी अपने पाले में करने के लिए संबोधन करेंगे.
ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम मोदी के मंच पर वरिष्ठ आदिवासी नेताओं को आमंत्रित करने की योजना है. जिसके सहारे आदिवासी वोटरों की भीड़ जुटाने का प्लान है.
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