Rajasthan Politics: 3 सवाल, 15 प्वाइंट में जवाब, राजस्थान में इंग्लिश मीडियम स्कूल 'बंद' करने पर मदन दिलावर से भिड़े डोटासरा

Rajasthan English Medium Schools: राजस्थान में कुल 3737 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलें हैं, जबकि 134 विवेकानंद मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूल हैं.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins

मदन दिलावर vs गोविंद डोटासरा.

Rajasthan News: राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में खोले गए इंग्लिश मीडियम स्कूलों की भजनलाल सरकार समीक्षा करवा रही है. सरकार ने संकेत दिए हैं कि जांच में जो सरकारी स्कूल गैर जरूरी या सही नहीं पाए जाएंगे उन्हें बंद किया जा सकता है. इस इसके बाद से ही प्रदेशभर में राजनीति गरमाई हुई है. कांग्रेस नेता, भाजपा सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं और इस स्कूलों को रद्द करने के लिए बताए गए हर कारण पर फैक्ट्स के साथ जवाब दे रहे हैं. कुछ दिन पहले राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी कांग्रेस से 3 सवाल पूछे थे, जिसका अब राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा ने 15 प्वाइंट में जवाब दिया है.

सोशल मीडिया पर दिया जवाब

गोविंद सिंह डोटासरा ने एक्स पर लिखा, 'भाजपा का भरोसा सिर्फ झूठ में है, इसलिए झूठ बोलना और झूठ फैलाना इनके नेताओं और मंत्रियों की फितरत बन गया है. शिक्षा मंत्री झूठ का लिबास ओढ़कर हर बार जनता को गुमराह करने एवं कुतर्क करके अपनी कमियों को छिपाने की काबिलियित दिखाते हैं. शिक्षा मंत्री का यह कहना कि सिर्फ इंग्लिश मीडियम की तख्ती टांग दी है, नितांत ही खेदजनक है. जबकि सच्चाई कुछ और ही है.'

Advertisement

1. कांग्रेस सरकार की नीति और रणनीति ने गरीब एवं कमजोर वर्ग के बच्चे का अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ने का सपना साकार किया.

Advertisement

2. यूपी, बिहार और छत्तीसगढ़ ने हमारे महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के शिक्षा मॉडल की स्टडी की और फिर छत्तीसगढ़ में राजस्थान की तर्ज पर स्कूल खोले गए.

Advertisement

3. कांग्रेस सरकार के दौरान नए स्कूलों में 70374 नए भर्ती निकाली गईं.

4. कंप्यूटर टीचर की 10453 वैकेंसी, वाइस प्रिंसिपल की 12421 वैकेंसी, कॉन्ट्रैक्ट पर इंग्लिश टीचर की 10000 वैकेंसी, इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अलग-अलग विभगों में 13500 वैकेंसी, अपग्रेडेड स्कूलों में अलग-अलग डिपार्टमेंट्स में 24000 से ज्यादा वैकेंसी निकाली गईं.

5. साल 2019 में 33 जिला मुख्यालयों पर स्कूलों को रूपांतरित किया. जनमानस में इन स्कूलों के प्रति जबरदस्त रूझान को देखते हुए बाद में ब्लॉक स्तर पर जहां SVGMS (स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल विद्यालय) स्कूल नहीं थे, वहां अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए.

6. जनता की भावना को ध्यान में रखते हुए 5 हजार आबादी वाले कस्बों में 1200 स्कूल खोले गए. इसी क्रम में जनता की मांग पर साल 2022 में 1000 स्कूल शहरी क्षेत्र और 1000 स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में खोलने की घोषणा की गई.

7. घोषणाओं के क्रम में 3737 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित किए और नामांकन 7 लाख से अधिक पहुंचाया. स्कूलों की भारी मांग की वजह से 1 सीट के लिए राज्य में 2 और जयपुर जैसे शहरों में 20 औसतन आवेदन संभव हुए.

8. इन स्कूलों में अधिक आवेदन और सीमित सीटों की वजह से अतिरिक्त सेक्शन संचालित करने की स्वीकृति दी गई. 21 जुलाई 2024 को सरकार ने आदेश निकालकर हर क्लास में एडमिशन की सीमा को 150 प्रतिशत तक बढ़ा दिया और संस्था प्रधान को कक्षा-कक्षों की उपलब्धता के आधार पर प्रवेश देने के लिए भी अधिकृत किया गया.

9. विधायक, डॉक्टर्स और अधिकारियों के बच्चों ने इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में दाखिला लिया.

10. स्कूलों के जबरदस्त रूझान के बावजूद कार्यालय आदेश 13 एवं 17 जुलाई, 2022 को इस बात प्रावधान किया गया कि अगर कोई विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा नियमित नहीं रखना चाहे तो संस्था प्रधान द्वारा उसे नजदीक के हिन्दी माध्यम में प्रवेश दिलाया जाएगा.

11. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का रूपांतरण निर्धारित मानदंडों के अनुसार किया गया. सामान्यत: बालिकाओं के विद्यालय को रूपांतरित नहीं करने का प्रस्ताव किया गया, लेकिन फिर भी जरूरत पड़े तो SDMC की सहमति से किया गया. वो भी सिर्फ उस स्थिति में जब नजदीक में राजकीय विद्यालय उपलब्ध हो जहां बालिकाओं की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में जारी रह सके. मंत्री द्वारा ये कहना है कि ''हिन्दी माध्यम के बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी" सरासर झूठ व गलत तथ्य है.

12. यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर पर्याप्त उपलब्धता हो तो दो अलग-अलग विंग में अंग्रेजी और हिन्दी की अलग-अलग शिफ्ट चलाई संचालित की जा सके.

13. भाजपा का काम स्कूलों को बन्द करना है, जबकि हमारी सरकार ने इनके बन्द किए स्कूलों में से 1500 से अधिक स्कूल पुनः हिंदी माध्यम में खोले और 387 स्कूलों को पुनः खोल कर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में संचालित किया गया है.

14. कांग्रेस सरकार में स्कूलों को मजबूत करने के लिए 2400 करोड़ रुपये ये अधिक राशि जारी की गई और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए अलग से 100 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

15. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का ऐलान शिक्षा प्रणाली में सुधार की नई नींव एवं क्रांतिकारी बदलाव था. इन्हें रूपांतरित करना जन भावना का निर्णय था, यह जबरदस्ती थोपा गया निर्णय नहीं था.

मदन दिलावर के 3 सवाल क्या थे?

राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कांग्रेस से पूछा था, 'हम पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस और गहलोत पहले यह बताएं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में शिक्षा के लिए क्या किया? अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं की गई? अंग्रेजी स्कूलों के लिए संसाधन क्यों नहीं दिए गए?'

4 मंत्री कर रहे स्कूलों की समीक्षा

राजस्थान में गहलोत सरकार के दौरान शुरू हुए सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा के लिए भजनलाल शर्मा ने 4 सदस्यीय एक मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया है. इस समिति का अध्यक्ष उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को बनाया गया है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह, स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा को सदस्य के तौर पर इसमें शामिल किया गया है. 

पूरे प्रदेश में आंदोलन की चेतावनी

कांग्रेस सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा ने समीक्षा समिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये राजनीतिक दुर्भावना एवं पूर्वाग्रह से प्रतीत होती है. चार सदस्यीय समिति में न तो कोई शिक्षाविद है और न ही कोई विशेषज्ञ, उसमें सिर्फ सरकार के मंत्री हैं. राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है, शिक्षा मंत्री से लेकर इनके नेता अंग्रेजी माध्यम स्कूलों पर ताला लगाने की तरफदारी कर रहे हैं. भाजपा सरकार ने समीक्षा के नाम अगर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर कोई भी जनविरोधी फैसला किया तो कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी.

'पहली कक्षा से अंग्रेजी लागू क्यों नहीं की?'

राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा, 'कांग्रेस ने हिंदी मीडियम स्कूलों को बंद करके बच्चों के जीवन को बर्बाद करने का षडयंत्र रचा था. उन्होंने सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले थे. लेकिन वहां अंग्रेजी पढ़ाने वाले टीचर्स की नियुक्ति तक नहीं की गई थी. कांग्रेस को अगर बच्चों की चिंता होती तो स्कूलों में बच्चों का आधार मजबूत करने का काम करती और पहली कक्षा से अंग्रेजी को लागू करती. अब भाजपा सरकार कांग्रेस की ऐसी व्यवस्था की जांच करवाकर बच्चों का आधार तैयार करने का काम करेगी.'

ये भी पढ़ें:- राजस्थान: कोटा में टीचर ने सुसाइड किया, या फूड प्वाइजनिंग से हुई मौत? जानें पुलिस ने क्या बताया