Rajasthan News: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को भंग करने वाला बयान देकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब फंसती हुई नजर आ रही है. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) इसे मुद्दा बनाकर जोरशोर से बीजेपी के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है, और राजस्थान की भजनलाल सरकार से आरपीएससी भंग करने की मांग कर रही है. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मामले को तूल देते हुए एक नया वीडियो शेयर किया है और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है.
सीपी जोशी ने जुलाई में दिया था बयान
गोविंद सिंह डोटासरा ने एक्स पर अपना एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, 'विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता आरपीएससी भंग करने की बात करते थे. खुद बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने 19 जुलाई 2023 को कहा था कि हम आरपीएससी को भंग करेंगे. गड़बड़ करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे भेजेंगे. अब तो प्रदेश में उनकी सरकार बन गई है. लेकिन उनके मंत्री कह रहे हैं कि आरपीएससी तो संवैधानिक संस्था है, इसे कैसे भंग कर दें? चूरू के नेता राजेंद्र राठौड़ भी बढ़ चढ़कर आरपीएससी को भंग करने की बात कहते थे, अब उन्हें क्या हुआ?'
'बाबूलाल कटारिया को जेल हमने भेजा'
गोविंद सिंह डोटासरा ने आगे कहा, 'बाबूलाल कटारिया को बीजेपी ने नहीं, कांग्रेस ने जेल भेजा. उसने गड़बड़ की, सजा भी मिली. आप आरपीएससी भंग की बात कर रहे थे कर दी क्या? मैं एक बात कहना चाहता हूं. किसी पर आरोप लगाना, किसी भी लांछन लगाना, किसी पर व्यक्तिगत हमले करना, ये किसी को शोभा नहीं देता. लेकिन लगाने से पहले सोचना चाहिए व्यक्ति को कि मैं क्या बोल रहा हूं. किस तरह से बोल रहा हूं. लोग बारूद के ढेर पर बैठकर दिया सिलाई का खेल खेलते हैं. उसका अंजाम एक दिन राख के रूप में आता है. जिसके शीशे के महल होते हैं, वो झोपड़ी वालों पर कभी पत्थर नहीं फेंका करते. क्योंकि जिस दिन झोपड़ी वाला किसान उस शीशे वाले महल पर पत्थर फेंकना चालू कर देगा, उस दिन वो चकना चूर होने के साथ ही अंदर रहने वाले भी लहूलुहान हो जाएंगे. ये बात बीजेपी के नेताओं को समझनी पड़ेगी.'
'संवैधानिक संस्था को कैसे बंद कर दें'
डोटासरा का ये बयान यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के सीकर दौरे के दो दिन बाद आया है. आपको बता दें कि सीकर में मंत्री खर्रा से आरपीएससी को लेकर एक सवाल पूछा गया था जिस पर उन्होंने कहा था कि, 'जहां तक मैं समझता हूं, गोविंद सिंह डोटासरा वकील रह चुके हैं. चार बार विधायक भी रहे हैं. मंत्री रहे हैं. अब कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. उनको यह जानकारी होनी चाहिए कि राजस्थान लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था है, और संवैधानिक संस्था के खिलाफ कार्रवाई करने के क्या-क्या तरीके हैं.
लोकसभा में पेश किया गया बिल
सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के प्रावधान वाला ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024' सोमवार को लोकसभा में पेश किया. विधेयक में परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में इस विधेयक को मंजूरी दी थी. कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सदन में इसे पेश किया. इससे पहले सरकार के सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी.
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