Rajasthan Politics: किरोड़ी लाल मीणा को प्रहलाद गुंजल की नसीहत, 'भजनलाल मंत्रिमंडल को ठोकर मारकर...'

Prahlad Gunjal Press Conference: दो बार भाजपा विधायक रहे प्रहलाद गुंजल ने 21 मार्च 2024 को जयपुर में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी. इस फैसले की वजह उन्होंने अपनी खुद्दारी को बताया था, जिससे वो समझौता नहीं करना चाह रहे थे.

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प्रहलाद गुंजल और किरोड़ी लाल मीणा.

Rajasthan News: राजस्थान की कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से ओम बिरला के सामने चुनाव लड़कर हार का सामना करने वाले कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल (Prahlad Gunjal) ने बीजेपी मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) को नसीहत दी है. उनका कहना है, 'राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा की छवि एक प्रिय व्यक्ति की है. इसलिए उन्हें आगे आना चाहिए. मंत्रिमंडल में ताकत के साथ अपनी बात रखनी चाहिए और उसके लिए लड़ना चाहिए. नहीं तो ठोकर मारकर जनता के बीच में आ जाना चाहिए.'

'किरोड़ी ने मौन धारण क्यों कर रखा है?'

गुंजल ने आगे कहा, 'मैं किरोड़ी लाल मीणा की कार्यशैली पर सवाल नहीं उठा रहा हूं. लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि कांग्रेस राज के दौरान 5 साल सड़कों पर न्याय के लिए संघर्ष करने वाले किरोड़ी लाल मीणा ने चुप्पी क्यों साध ली है? वे शासन में बैठे हैं तो उन्हें बात करनी चाहिए. उन्होंने समरावत को भरोसा दिया है. उन्हें लड़ना चाहिए, नहीं तो मंत्रिमंडल को ठोकर मारकर जनता के बीच आना चाहिए. हम आरोप नहीं लगा रहे हैं. मैं बस उनके आम आदमी की बात को सिर चढ़ाने वाले व्यक्तित्व को देखकर पूछ रहा हूं कि उन्होंने मौन धारण क्यों कर रखा है?'

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प्रहलाद गुंजल ने शुक्रवार को जयपुर में समरावता कांड पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह बयान दिया. उन्होंने आगे कहा, 'सरकार 24 तारीख तक न्यायिक जांच और संपत्ति के नुकसान को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करे. यदि ऐसा नहीं होता है, तो 24 तारीख को विधानसभा सत्र का एजेंडा हमारे सामने होगा. इसके बाद हम प्रेस वार्ता नहीं करेंगे, बल्कि विधान सभा घेराव की घोषणा करेंगे. नरेश मीणा को जेल में रखकर क्या करना चाहते हो नरेश क्या खूनी है, नरेश क्या बलात्कारी है, नरेश क्या चोर है. आप थप्पड़कांड के लिए क्या उसे फांसी लगा दोगे. मुझे लगता है कि उसके इमोशन्स को खत्म करने के लिए जेल में रखा गया है. ये सरकार दलित आदिवासी विरोधी मानसिकता की सरकार है. अगर यही व्यवस्था बनी रही तो राजस्थान में अराजकता के अलावा कुछ भी नहीं बचेगा.'

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