बच्चों के साथ कोई ऐसा घिनौना काम कैसे कर सकता है? यह सवाल आम लोगों के दिलों में अक्सर उठता है. लेकिन इसी समाज में आम इंसानों की भीड़ में कुछ शैतान भी रहते हैं. जो अपनी हवस की आग बुझाने के लिए बच्चों पर भी रहम नहीं करते हैं. ऐसा ही केस प्रतापगढ़ की अदालत में लम्बे समय से पेंडिंग था.
नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में प्रतापगढ़ की पोक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO)अधिनियम, 2012) अदालत ने दोषी को 5 साल कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाते हुए जेल भेजने के आदेश दिया है. अदालत ने अन्य धाराओं में भी जुर्माना लगाते हुए अलग-अलग सजा सुनाई है.
विशिष्ट लोक अभियोजक (पोक्सो एक्ट) गोपाललाल टांक ने बताया कि 1 जनवरी 2022 को छोटी सादड़ी थाने में प्रार्थी ने प्रकरण दर्ज करवाया कि उसकी नाबालिग बेटी शाम को घर के बाहर खेल रही थी, तभी बलिया खेड़ी निवासी मिट्ठूलाल कंजर उसको उठाकर सरसों के खेत में ले गया. मेरी बेटी के साथ मारपीट की और मारते हुए उसका मुंह बंद कर दिया.
जैसे ही परिजनों को सूचना मिली वह तुरंत दौड़ते हुए सरसों के खेत में पहुंचे. वही परिजनों को आता देख मिट्ठूलाल, बालिका को छोड़कर वहां से भाग गया. इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद अदालत में चालान पेश कर दिया था.
तभी से यह मामला अदालत में विचाराधीन था. आज सुनवाई पूरी होने पर विशिष्ट न्यायाधीश प्रभात अग्रवाल ने मिट्ठूलाल को दोषी मानते हुए सजा का ऐलान किया. अदालत ने मिट्ठूलाल को 5 साल कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. साथ ही अदालत ने अन्य धाराओं में भी उस पर जुर्माना लगाते हुए कारावास की सजा सुनाई. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह और 15 दस्तावेज अदावत के समक्ष पेश किए गए.