Good News: राजस्थान के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में 3 बाघ लाने की तैयारी, गागरोन रेंज में खुलेंगे दो गेट

टाइगर को यहां नौलाव की वादियां रास आ गई थीं. यहां की पहाड़ियों की आकृति इस तरह बनी हुई है कि उनमें गुफाएं भी हैं, जिनमें टाइगर आसानी से रह सकते हैं.

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Rajasthan News: मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व परियोजना को लेकर एनडीटीवी द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद एक बार फिर से मामले में हलचल तेज हो गई है. यहां तीन टाइगर लाए जाने को नेशनल टाइगर रिजर्व अथॉरिटी ने मंजूरी दे दी है. ऐसा माना जा रहा है कि अब यहां शीघ्र टाइगर लाए जाएंगे. इसके अलावा झालावाड़ जिले के हिस्से में अब टाइगर रिजर्व किए दो गेट आ सकते हैं, जिनकी स्वीकृति के लिए प्रस्ताव बना कर भेजे गए हैं. गागरोन रेंज में नौलाव और मशालपुरा में गेट बनेंगे. इन्हीं दोनों गेट से झालावाड़ में पर्यटन की तरक्की के द्वार भी खुल जाएंगे. 

मुकंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में तीन टाइगर लाए जाएंगे. नेशनल टाइगर कंवर्जेशन अथॉरिटी की स्वीकृति मिलने के बाद यहां लाने के लिए महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व क्षेत्रों मे टाइगर देखे जा रहे हैं जिनको चिन्हित करके  से यहां लाए जाएंगे. टाइगर आने के बाद ही गागरोन रेंज में गेट खुल सकेंगे. साथ ही इसके बाद यहां से टाइगर रिजर्व देखने वाले पर्यटकों की एंट्री हो सकेगी. मुकुंदरा में जंगल सफारी शुरू होने के बाद यहां पर पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो सकेगा.

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4 सालों से सूना पड़ा है रिजर्व

मुकुंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र की गागरोन रेंज में अब चार साल बाद फिर से टाइगर की दहाड़ गूंजेगी. पहले यहां टाइगर का एक जोड़ा था. फिर उनके शावक भी हुए थे, लेकिन एक-एक कर तीनों की मौत हो गई. टाइगर को यहां नौलाव की वादियां रास आ गई थीं. यहां की पहाड़ियों की आकृति इस तरह बनी हुई है कि उनमें गुफाएं भी हैं, जिनमें टाइगर आसानी से रह सकते हैं. नौलाव से मशालपुरा व लक्ष्मीपुरा तक की पहाड़ियां टाइगर के विचरण के लिए बेहतर हैं. ऐसे में गागरोन के जंगल में अनुकूल परिस्थियां होने से अब यहां फिर से टाइगर लाने की कवायद की जा रही है.

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पहले होगा भूख मिटाने का इंतजाम

परियोजना के डीएफओ मुथु एस. ने बताया कि घना से 500 चीतल जल्दी ही मुकुंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र लाए जाएंगे. इससे यहां एक अनुकूल एम वातावरण का निर्माण होगा और बाघों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था हो पाएगी. इसके लिए अब मु्कुंदरा टाइगर रिजरर्व क्षेत्र में पूरी तैयारी हो चुकी है.

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नहीं हुआ है पूर्ण विस्थापन

पहले जब यहां टाइगर छोड़े गए थे तो लोगों को विस्थापन सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आया था. अभी के हालातो कि यदि बात करें तो भी गागरोन रेंज में मशालपुरा गांव का विस्थापन पूर्ण नहीं हुआ है. आज भी वहां लगभग आठ परिवारों के 60 से 70 लोग रह रहे हैं.

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