Jhunjhunu: 'शहीदों' के गांव से सेना भर्ती कार्यालय शिफ्ट करने की तैयारी, CM के सलाहकार बोले- 'बड़ा आंदोजन करेंगे'

लोगों का कहना है कि सेना भर्ती कार्यालय के शिफ्ट हो जाने से नई भर्ती वाले नौजवानों, सैनिकों व उनके परिवारों को कई प्रकार के कामकाज में परेशानी का सामने करना पड़ेगा. 

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Rajasthan News: शहीदों वाले जिले के रूप में पहचान रखने वाले राजस्थान के झुंझुनूं से सेना भर्ती कार्यालय (Army Recruitment Office) को अब बीकानेर शिफ्ट करने की कवायद चल रही है. इसके लिए डायरेक्टर रिक्रूटिंग की ओर से जिला कलेक्टर को पत्र भी लिखा जा चुका है. हालांकि स्थानीय लोग गुढ़ा रोड पर संचालित इस सेना भर्ती कार्यालय की शिफ्टिंग का विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि सेना भर्ती कार्यालय के शिफ्ट हो जाने से नई भर्ती वाले नौजवानों, सैनिकों व उनके परिवारों को कई प्रकार के कामकाज में परेशानी का सामने करना पड़ेगा. 

बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी

इसी मामले को लेकर रविवार को सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार डॉ. राजकुमार शर्मा ने झुंझुनूं के सर्किट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. इस दौरान उन्होंने कहा, 'देश को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला जिला झुंझुनूं है. बीते आठ-दस सालों से सेना में भर्ती नहीं हो रही थी. अब झुंझुनूं के सेना भर्ती कार्यालय बीकानेर शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. इस निर्णय का विरोध किया जाएगा. केंद्र सरकार के इस निर्णय का पूर्व सैनिकों के विभिन्न संगठनों द्वारा भी विरोध किया जा रहा है. झुंझुनूं जिले के प्रत्येक जिलेवासी के लिए यहां के सैनिक और सेना भर्ती कार्यालय गर्व की अनुभूति करवाते हैं. अगर इसे शिफ्ट किया जाता है तो बड़ा आंदोजन किया जाएगा.

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सैनिकों-शहीदों के नाम से मशहूर

एक जानकारी के अनुसार, वर्तमान में झुंझुनूं जिले के सिर्फ जैतपुरा गांव से ही 200 से ज्यादा लोग सेना में हैं. इसके अलावा, गांव में करीब 300 लोग ऐसे भी हैं जो सेना में विभिन्न पदों से रिटायर हो चुके हैं. झुंझुनूं जिले में एक गांव धनूरी भी है जिसे देश के लिए सर्वाधिक शहादत देने वाले जांबांजों का गांव कहा जाता है. झुंझुनूं जिला मुख्यालय से ये करीब किलोमीटर दूर स्थित है. यही नहीं, कारगिल युद्ध के वक्त भी जो 527 वीर जवान शहीद हुए थे, उनमें से 19 जवान सिर्फ झुंझुनूं के ही रहने वाले थे.

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