जेल के बाहर कैदी चला रहे पेट्रोल पंप, 22 सजायप्ता कैद‍ियों को म‍िली नौकरी

सजायप्‍ता कैद‍ियों को रोज सुबह पेट्रोल पंप पर नौकरी करते हैं, और शाम को जेल चले जाते हैं. उन्‍हें रोज 300 रुपए मानदेय म‍िल रहा है.

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कोटा जेल प्रशासन के इस पेट्रोल पंप पर सजायप्ता कैदी नौकरी करते हैं.

राजस्थान के कोटा में एक अनोखी पहल कैदियों की ज़िंदगी बदल रही है. यहां जेल प्रशासन द्वारा संचालित पेट्रोल पंप न सिर्फ कैदियों को रोजगार दे रहा है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित हो रहा है. अपराध की दुनिया से दूर, नई शुरुआत की ओर बढ़ते ये कैदी अब आत्मनिर्भरता और सम्मान के साथ अपना भविष्य गढ़ रहे हैं. जिन सजायप्‍ता कैद‍ियों का व्‍यवहार ठीक है उन्होंने ओपन जेल में रखा गया है. वे बाहर न‍िकलकर नौकरी भी कर रहे हैं.

कैदियों को दी जाती है ट्रेनिंग  

कोटा जेल परिसर के पास स्थित यह पेट्रोल पंप फिलहाल जेल प्रशासन की निगरानी में कैदियों के सहयोग से चलता है. यहां काम करने वाले कैदी पूरी प्रोफेशनल ट्रेनिंग के बाद ही ड्यूटी पर लगाए जाते हैं. कैदी यूनिफॉर्म में यहां आने वाले ग्राहकों का स्वागत करते हैं, ईंधन भरते हैं और पूरी जिम्मेदारी के साथ अपनी ड्यूटी निभाते हैं. इस काम के बदले उन्हें रोजाना मजदूरी भी दी जाती है, जो उनकी रिहाई के बाद नई जिंदगी शुरू करने में मदद करेगी. कुछ कैदी रिहा होने के बाद दूसरे पेट्रोल पंप पर कार्य भी कर रहे हैं.

जल्द ही सीएनजी स्टेशन शुरू होगा 

अब इस पेट्रोल पंप पर जल्द ही CNG स्टेशन भी शुरू किया जा रहा है. अधिकारियों का मानना है कि CNG की बढ़ती मांग के चलते पंप की आमदनी में बड़ा इजाफा होगा, जिससे कैदियों को और अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे. CNG यूनिट शुरू होने से पंप की कमाई बढ़ेगी, और इसका सीधा फायदा कैदियों और जेल प्रशासन के पुनर्वास कार्यक्रमों को मिलेगा.

कैदियों का व्यवहार और काम प्रोफेशनल होता है 

ग्राहकों का भी कहना है कि कैदियों का व्यवहार और काम प्रोफेशनल होता है, जिससे समाज में उनके प्रति सकारात्मक नजरिया बन रहा है. जेल प्रशासन मानता है कि रोजगार और जिम्मेदारी की भावना कैदियों में सुधार का सबसे बड़ा साधन है. राजस्थान के अन्य जिलों में भी चल रहे यह पम्प एक उदाहरण पेश कर रहे हैं, जहां सुधार सिर्फ सजा नहीं, बल्कि नए अवसरों के जरिए समाज में वापसी का रास्ता खोल रहा है.

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