राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में ग्रेनाइट की खान पर कब्जा करने और वहां से मशीनरी की चोरी के आरोप में राज्य के राजस्व मंत्री रामलाल जाट समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने गुरूवार को यह जानकारी दी. इस संबंध में उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद इस बारे में करेड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया.
आसींद के पुलिस उपाधीक्षक योगेश शर्मा ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद करेड़ा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है, जो भी आरोप लगाए गए हैं उनकी जांच अपराध अन्वेषण शाखा (क्राइम ब्रांच) द्वारा की जाएगी.उन्होंने बताया कि चूंकि यह मामला एक मंत्री से जुड़ा है इसलिए इसकी जांच सीआईडी-सीबी से कराई जाएगी.
पुलिस के अनुसार मामला 17 सितंबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 384 (जबरन वसूली), 379 (चोरी) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज किया गया है. पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता परमेश्वर जोशी ने पहले एक स्थानीय अदालत में राजस्व मंत्री के खिलाफ याचिका दायर की थी, लेकिन जब पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कार्रवाई नहीं की, तो उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया, जहां से शिकायत पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए.
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार शिकायतकर्ता परमेश्वर जोशी को वर्ष 2012 में जिले के रघुनाथपुरा गांव में खनन विभाग से खनन पट्टा मिला था. वह साझेदार सुंदर गोयल और चंद्रकांत शुक्ला के साथ खनन फर्म अरावली ग्रेनाइट प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक और शेयरधारक थे.
इसके अनुसार इन दोनों को जोशी को 10 करोड़ रुपए का भुगतान करना था. इन्होंने इसमें से पांच करोड़ रुपए की शेयरहोल्डिंग जोशी के नाम हस्तांतरित कर दी. बाकी पांच करोड़ रुपए के लिए इन दोनों ने खनन पट्टे में अपनी हिस्सेदारी 5 करोड़ रुपए में मंत्री रामलाल जाट की ओर से उनके रिश्तेदारों के नाम करते हुए बेच दी.
प्राथमिकी की कॉपी में बताया गया है कि मंत्री ने खनन पट्टा अपने रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर करवा लिया और बाद में जोशी को पांच करोड़ रुपये देने से इनकार कर दिया. प्राथमिकी में यह भी बताया गया कि मंत्री ने कहा कि वह दो करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं देंगे और वह भी खनन से होने वाली कमाई से देंगे.
इसके अनुसार मंत्री और उनके साथी महावीर चौधरी और 8-10 अन्य लोगों ने खदान पर उनके मजदूरों को धमकाया और पीटा और वहां से भगा दिया. जून 2022 में आरोपी ने उसकी खनन मशीनरी चोरी करवा दी. शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक और भीलवाड़ा के जिला पुलिस अधीक्षक व करेड़ा पुलिस थानाधिकारी को शिकायत दी थी,लेकिन उन्होंने शिकायत पर कार्रवाई नहीं की.
बता दें, अदालत के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मामले की जांच अब अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी-सीबी) को सौंप दी गई है.
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