काना पहाड़ पर खनन का विरोध, स्थनीय लोगों के साथ सड़क पर उतरे पूर्व मंत्री, प्रशासन को दी चेतावनी

झुंझुनूं जिले में काना पीर पहाड़ पर 15 साल बाद शुरू हुए खनन कार्य का भारी विरोध हुआ. पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के नेतृत्व में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर गए.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
खनन के विरोध में प्रदर्शन

Kana Mountain Mining Protest: राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित काना पीर पहाड़ में करीब 15 साल बाद एक बार फिर खनन कार्य शुरू हो हुआ तो उसका विरोध हो गया. इसके विरोध में सड़कों पर उतरे भारी संख्या में लोगों के साथ पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने जमकर विरोध किया.  दरअसल कान्हा पहाड़ में खान विभाग ने तीन पट्टे मैसर्स जवान रॉकमूवर्स को जारी कर रखे थे. लेकिन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की परमिशन 2009 में रद्द होने के कारण तीनों ही खनन पट्टों में खनन काम बंद था. पिछले दिनों मैसर्स जवान रॉकमूवर्स ने तीन में से एक खनन पट्टे की स्वीकृति ले ली थी. इसके बाद 23 अगस्त से खनन कार्य शुरू कर दिया था.

लोगों के साथ सड़कों पर बैठे पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा

अगले आदेश तक खनन को रोका गया

करीब 10 दिन पहले 25 नवंबर को खनन के लिए भारी ब्लास्टिंग की गई, जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया और लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. इसके बाद आज पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा और मदरसा बोर्ड चेयरमैन एमडी चोपदार के नेतृत्व में सैंकड़ों की संख्या में क्षेत्र के लोग मौके पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद मौके पर एसडीएम हवाई सिंह, सिटी डीएसपी वीरेंद्र शर्मा, एमई रामलाल सिंह तथा सीआई पवन चौबे समेत अन्य पहुंचे. लोगों से वार्ता हुई और इसके बाद इस खनन को अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक बंद कर दिया.

Advertisement

पूर्व मंत्री ने दी चेतावनी

वहीं दूसरी ओर वार्ता के बाद पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि इस जगह पर आगे भी खनन नहीं होगा. गुढ़ा ने खनन होने पर दुबारा आंदोलन करने की चेतावनी दी. साथ ही ब्लास्टिंग के कारण जिन मकानों को नुकसान हुआ है, उनका सर्वे होगा और उन्हें मुआवजा मिलेगा. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- भारत-पाक बॉर्डर के पास दुर्लभ पक्षी के शरीर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिलने से हड़कंप, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

Advertisement